जापान खरीदेगा इजरायली ड्रोन, भारत के बेड़े में है शामिल!

न्यूज डेस्क। एशिया के बदलते भू-राजनीतिक माहौल में अब जापान भी अपनी रक्षा क्षमताओं को तेज़ी से बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जापान इजरायल द्वारा निर्मित हेरॉन-2 ड्रोन की खरीद पर गंभीरता से विचार कर रहा है। यह वही ड्रोन है जो पहले से भारत के बेड़े में शामिल है और जिसने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

क्या है हेरॉन-2 की खासियत?

हेरॉन मार्क-2 इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) का एक अडवांस्ड अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) है, जो लंबी दूरी और ऊंचाई तक लगातार निगरानी करने की क्षमता रखता है। यह ड्रोन दिन और रात, दोनों समय संचालन में सक्षम है और विभिन्न प्रकार के सेंसर व कैमरा सिस्टम से लैस होता है। भारत इस ड्रोन का इस्तेमाल खासकर चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर करता है, जहां इसकी उच्च निगरानी क्षमता से दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखना संभव होता है।

जापानी सुरक्षा रणनीति में बदलाव

अब जबकि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन का आक्रामक रुख लगातार बढ़ रहा है, जापान भी अपनी रणनीति को नया रूप देने में जुट गया है। जेरूसलम पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में एक जापानी एयरपोर्ट पर हेरॉन-2 ड्रोन देखा गया, जिस पर इजरायली रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ जापानी कंपनी कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज का लोगो भी मौजूद था। यह इस बात का संकेत है कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की शुरुआत हो चुकी है। यह पहला मौका होगा जब जापान किसी इजरायली वेपन सिस्टम को खुले तौर पर अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

चीन, रूस और उत्तर कोरिया से बढ़ते खतरे

जापान की यह पहल केवल चीन तक सीमित नहीं है। उसे रूस और उत्तर कोरिया से भी लगातार खतरा महसूस हो रहा है। उत्तर कोरिया की मिसाइल परीक्षण गतिविधियों और रूस की पूर्वी एशिया में बढ़ती मौजूदगी ने जापान को मजबूर किया है कि वह अपने रक्षा बजट और सैन्य क्षमताओं में तेजी से इज़ाफा करे। इसी क्रम में जापान ने पिछले साल रिकॉर्ड रक्षा बजट पास किया था और अमेरिका से भी भारी मात्रा में हथियारों की खरीद का ऐलान किया।

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