यूपी में सभी 'शिक्षकों' को करना होगा ये काम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से एक अहम कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने अब सभी शिक्षकों के लिए 'निपुण प्लस एप' का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। यह एप पहले केवल कक्षा 1 से 3 तक सीमित था और 'निपुण लक्ष्य एप' के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब इसका विस्तार कक्षा 1 से 8 तक कर दिया गया है और इसे सभी विषयों के लिए लागू किया गया है।

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का प्रयास

‘निपुण प्लस एप’ भारत सरकार की निपुण भारत मिशन का एक महत्वपूर्ण डिजिटल उपकरण है, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों की बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक दक्षता का मूल्यांकन करना है। यह एप शिक्षकों को कक्षा-वार और विषय-वार बच्चों की सीखने की स्थिति को जानने में मदद करता है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि छात्र न्यूनतम अधिगम स्तर तक पहुँच पाए हैं या नहीं।

विस्तृत विषय और मूल्यांकन प्रक्रिया

एप के माध्यम से अब कक्षा 1 से 8 तक के छात्र हिंदी, गणित, अंग्रेजी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और पर्यावरण अध्ययन जैसे विषयों में प्रश्नों को हल करेंगे। शिक्षक इन उत्तरों का मूल्यांकन करके संबंधित डेटा एप में दर्ज करेंगे। यह डेटा न केवल विद्यार्थी की शैक्षिक प्रगति को दर्शाता है, बल्कि सीखने की गति को भी मापता है।

शिक्षकों को मिलेगा सटीक डेटा

निपुण प्लस एप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह रियल टाइम में रिपोर्ट तैयार करता है। शिक्षक हर विद्यार्थी की प्रगति का विश्लेषण कर सकते हैं और समय रहते सीखने की कमजोरियों की पहचान कर उन्हें दूर करने के लिए उपयुक्त रणनीति अपना सकते हैं। यह एप शिक्षकों के लिए एक डिजिटल साथी की तरह काम करता है जो मूल्यांकन और मार्गदर्शन दोनों में सहायक है।

शिक्षा विभाग की मंशा

महानिदेशक स्कूल शिक्षा, कंचन वर्मा ने स्पष्ट किया है कि बच्चों का नियमित मूल्यांकन बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे न केवल यह पता चलता है कि विद्यार्थी क्या सीख रहे हैं, बल्कि यह भी समझा जा सकता है कि उन्हें कहां अतिरिक्त सहायता की जरूरत है। इस पहल से लर्निंग गैप को भरने में मदद मिलेगी और शिक्षण प्रक्रिया अधिक प्रभावी हो सकेगी।

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