8वें वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों के पेंशन में बड़ी राहत?

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की पुरानी और महत्वपूर्ण मांग पेंशन कम्यूटेशन अवधि को 15 साल से घटाकर 12 साल करने की है। यह मुद्दा अब 8वें वेतन आयोग के एजेंडा में फिर से जोर पकड़ रहा है और यदि इस सुझाव को स्वीकार किया गया, तो इससे केंद्रीय कर्मचारियों को आर्थिक तौर पर खासा लाभ मिलेगा।

पेंशन कम्यूटेशन क्या है?

पेंशन कम्यूटेशन एक ऐसा विकल्प है जिसमें रिटायरमेंट के समय कर्मचारी अपनी पेंशन का अधिकतम 40% हिस्सा एकमुश्त राशि के रूप में ले सकते हैं। इसके बदले में उनकी मासिक पेंशन में उस हिस्से के अनुपात में कटौती की जाती है। वर्तमान नियमों के अनुसार, यह कम हुई पेंशन 15 वर्षों बाद फिर से पूरी हो जाती है। यानी, 15 साल तक पेंशन कम मिलती है और उसके बाद पेंशन सामान्य रूप से बहाल हो जाती है।

पुरानी मांग: 15 साल से घटाकर 12 साल

सरकारी कर्मचारियों का तर्क है कि सरकार द्वारा एकमुश्त राशि ब्याज सहित लगभग 11 साल में वसूल ली जाती है, बावजूद इसके पेंशन कटौती की अवधि 15 साल तय करना अनुचित है। इसलिए यह मांग उठ रही है कि यह अवधि 12 साल की जाए। इससे कर्मचारियों को अपनी पूरी पेंशन जल्दी वापस मिलने लगेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।

5वें वेतन आयोग की सिफारिशें और प्रतिक्रिया

5वें वेतन आयोग ने कर्मचारियों को अपनी पेंशन का एक-तिहाई से 40% तक कम्यूटेशन करने की अनुमति दी थी और साथ ही सुझाव दिया था कि यह कटौती 12 वर्षों में समाप्त होनी चाहिए। लेकिन उस समय सरकार ने इस सिफारिश को स्वीकार नहीं किया और 15 साल की अवधि को जारी रखा। बाद में छठे और सातवें वेतन आयोगों ने इस नियम में कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं समझी।

8वें वेतन आयोग में यह मुद्दा फिर क्यों उठ रहा है?

अब, जब 8वें वेतन आयोग का गठन हो चुका है और उसकी संदर्भ शर्तें (Terms of Reference) तय की जा रही हैं, तो कर्मचारी संगठन और पेंशनभोगी इस पुराने मसले को पुनः जोर-शोर से उठा रहे हैं। उनका मानना है कि यह सुधार कर्मचारियों को आर्थिक राहत देगा और पेंशन की प्रक्रिया को और न्यायसंगत बनाएगा। अगर 8वें वेतन आयोग इस सुझाव को मान लेता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों और रिटायर अधिकारियों को जल्दी अपनी पूरी पेंशन मिलने लगेगी।

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