सावधान! विटामिन D और B12 की साइलेंट मार

हेल्थ डेस्क। आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी और बदलती जीवनशैली के चलते अधिकतर लोग अनजाने में ही विटामिन D और विटामिन B12 की कमी के शिकार हो रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि यह कमी लंबे समय तक बिना किसी बड़े लक्षण के शरीर को अंदर से नुकसान पहुंचाती रहती है। यही वजह है कि विशेषज्ञ इसे "साइलेंट मार" कहने लगे हैं।

क्या है विटामिन D और B12 की भूमिका?

विटामिन D हड्डियों की मज़बूती और इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है, वहीं विटामिन B12 नर्व सिस्टम और रेड ब्लड सेल्स के निर्माण के लिए ज़रूरी है। इनकी कमी से शरीर में थकान, चक्कर आना, मांसपेशियों में दर्द, ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत और यहां तक कि डिप्रेशन जैसे लक्षण भी उभर सकते हैं।

ये हैं आम लक्षण:

लगातार थकावट महसूस होना, शरीर में दर्द या ऐंठन, बाल झड़ना और त्वचा का खराब होना, भूलने की आदत या एकाग्रता में कमी, सुन्नपन या झुनझुनी (खासकर हाथ-पैरों में)

कौन हैं ज़्यादा जोखिम में?

डॉक्टरों के अनुसार शाकाहारी लोग, धूप से दूर रहने वाले व्यक्ति, बुज़ुर्ग, गर्भवती महिलाएं और कुछ विशेष बीमारियों से पीड़ित लोग इन दोनों विटामिन्स की कमी के ज़्यादा शिकार होते हैं।

बचाव और समाधान:

सुबह की धूप विटामिन D का प्रमुख स्रोत है। दूध, अंडा, मछली, अंकुरित अनाज और हरी सब्ज़ियां B12 के अच्छे स्रोत हैं। अगर कमी गंभीर हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर सप्लीमेंट लिया जा सकता है। साल में कम से कम एक बार विटामिन D और B12 की जांच जरूर कराएं।

0 comments:

Post a Comment