अमेरिका ने तैनात किया हाइपरसोनिक मिसाइल, चीन सन्न!

न्यूज डेस्क। 2025 में आयोजित टैलिसमैन सेबर सैन्य अभ्यास के दौरान अमेरिका ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने न केवल चीन बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। पहली बार, अमेरिका ने अपनी अत्याधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणाली 'डार्क ईगल' को विदेशी भूमि पर—ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्र में—तैनात किया है। यह न सिर्फ तकनीकी दृष्टिकोण से, बल्कि रणनीतिक रूप से भी एक बेहद अहम फैसला है, जो वर्तमान वैश्विक सैन्य संतुलन को प्रभावित कर सकता है।

डार्क ईगल की तैनाती: एक संदेश

डार्क ईगल को तैनात करना केवल सैन्य अभ्यास का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह एक स्पष्ट संकेत है कि अमेरिका अब इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी को नए सिरे से परिभाषित करना चाहता है। चीन और रूस के तेजी से बढ़ते हाइपरसोनिक मिसाइल कार्यक्रमों को देखते हुए, अमेरिका का यह कदम एक जवाबी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। चीन ने पहले ही DF-27 और YJ-21 जैसी हाइपरसोनिक मिसाइलों का परीक्षण किया है, जबकि रूस ने किंझल और जिरकॉन मिसाइलों का उपयोग यूक्रेन युद्ध में किया है।

क्या है डार्क ईगल?

डार्क ईगल (LRHW - Long Range Hypersonic Weapon) एक अत्याधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणाली है, जिसे अमेरिकी सेना ने तेजी से उभरते खतरों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

स्पीड: Mach 17 (लगभग 21,000 किमी/घंटा), जो इसे दुनिया की सबसे तेज मिसाइलों में से एक बनाता है।

रेंज: लगभग 2700 किलोमीटर, जो इसे दुश्मन की सीमा के भीतर गहराई तक मार करने में सक्षम बनाती है।

वॉरहेड कैपेसिटी: यह मिसाइल पारंपरिक और परमाणु वॉरहेड दोनों ले जा सकती है।।

मोबिलिटी: इसे जमीन से दागा जा सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से मोबाइल है और आवश्यकतानुसार इसे हवाई माध्यमों से भी तैनात किया जा सकता है।

ट्रैकिंग और इंटरसेप्शन से बचाव: इसका बूस्ट-ग्लाइड व्हीकल प्रणाली इसे वायुमंडल के ऊपरी हिस्से में ले जाकर पारंपरिक एयर डिफेंस से बचने में मदद करता है

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