तीन प्रमुख सड़क परियोजनाएं
सुल्तानगंज-भागलपुर-सबौर (41.33 किमी)
दीघा-शेरपुर-बिहटा-कोइलवर (35.65 किमी)
मुंगेर (सफियाबाद)-बरियारपुर-घोघाट-सुल्तानगंज (42 किमी)
वित्तीय मॉडल और निवेश योजना
इन परियोजनाओं को हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (HAM) के तहत विकसित किया जाएगा। इसमें बिहार सरकार कुल लागत का करीब 40 प्रतिशत निवेश करेगी, जबकि शेष 60 प्रतिशत राशि निजी डेवलपर द्वारा लगाई जाएगी। निजी डेवलपर परियोजना का संचालन करेगा और उसे सरकार से समय-समय पर एन्यूटी भुगतान प्राप्त होगा। यह बिहार में HAM मॉडल पर पहली बार लागू होने वाला बड़ा प्रोजेक्ट है।
परियोजनाओं की लागत और महत्व
दीघा-शेरपुर-बिहटा-कोइलवर परियोजना की लागत लगभग 6,495.79 करोड़ रुपये है। जबकि सुल्तानगंज-भागलपुर गंगा पथ की लागत अनुमानित 4,849.83 करोड़ रुपये है। मुंगेर-सफियाबाद-बरियारपुर-घोघाट-सुल्तानगंज सड़क परियोजना पर करीब 5,119.80 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन तीनों परियोजनाओं के पूरा होने पर कुल लगभग 84 किलोमीटर लंबा आधुनिक सड़क नेटवर्क तैयार होगा, जो बिहार के पूर्वी हिस्से के महत्वपूर्ण जिलों को जोड़ते हुए यातायात की समस्या को कम करेगा।
सड़क परियोजनाओं का प्रभाव
सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि ये सड़कें गंगा नदी के किनारे होने के कारण पर्यटन को भी बढ़ावा देंगी। साथ ही, मुंगेर और भागलपुर के बीच यात्रा का समय काफी घटेगा, जिससे लोग और व्यापारी आसानी से क्षेत्र में आवागमन कर सकेंगे। यह नेटवर्क एक तरह का रिंग रोड काम करेगा, जो भीड़भाड़ और यातायात दबाव को कम करने में मददगार साबित होगा।
परियोजना की वर्तमान स्थिति
इन तीनों परियोजनाओं के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और स्वीकृति पत्र भी जारी कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 4 अक्टूबर को इनमें से एक परियोजना का शिलान्यास करेंगे। यह कदम बिहार में बेहतर सड़क बुनियाद और आधुनिक अवसंरचना के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
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