उपभोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया फैसला
कंपनी प्रबंधन के मुताबिक, बदलाव की वजह उपभोक्ताओं को किसी तरह की असुविधा से बचाना है। निगम का मानना है कि जब तक सारी तैयारी पूरी न हो, तब तक नई व्यवस्था शुरू करना उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए, सभी तकनीकी और प्रशासनिक पहलुओं को दुरुस्त करने के बाद ही वर्टिकल व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया है।
नई जिम्मेदारियों का बंटवारा जारी
रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता, एसडीओ, सहायक अभियंता और अवर अभियंता स्तर पर नई जिम्मेदारियों के बंटवारे की प्रक्रिया जारी है। प्रबंधन की मंशा है कि साफ-सुथरी छवि वाले अधिकारी ही इस व्यवस्था का हिस्सा बनें ताकि उपभोक्ताओं की शिकायतों का समयबद्ध समाधान हो सके और बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार आए।
हेल्प डेस्क और राजस्व वसूली
इस बीच गोमती नगर जोन के मुख्य अभियंता सुशील गर्ग ने अधिशासी अभियंता धीरज यादव के साथ हेल्प डेस्क का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अभियंताओं को निर्देश दिए कि उपभोक्ताओं की शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए और राजस्व वसूली में 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया जाए।
टोल फ्री 1912 का स्थानांतरण जारी
नई व्यवस्था के तहत टोल फ्री नंबर 1912 का संचालन आशियाना स्थित सेंटर से किया जाएगा। अभी तक लगभग 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य एक सप्ताह में निपटाने का दावा किया गया है। इसके बाद पुराना हुसैनगंज कार्यालय अन्य विभागीय कार्यों के लिए उपयोग में लाया जाएगा।
“पूरी तैयारी के बाद ही लागू होगी व्यवस्था”
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक (वाणिज्य) योगेश कुमार ने बताया कि सभी हेल्प डेस्क सक्रिय हैं और उनकी नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि निगम का उद्देश्य उपभोक्ताओं को बेहतर, पारदर्शी और त्वरित सेवा देना है, इसलिए वर्टिकल व्यवस्था तभी शुरू की जाएगी जब हर स्तर पर तैयारियां पूरी हो जाएं।

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