तीन जिलों में शुरू होंगे नए विश्वविद्यालय
सरकार की ओर से राधा गोविंद विश्वविद्यालय (चंदौसी, संभल) और बोधिसत्व विश्वविद्यालय (बाराबंकी) को संचालन प्राधिकारपत्र प्रदान किया गया है। इसका अर्थ है कि अब इन विश्वविद्यालयों में छात्र प्रवेश लेकर अपनी पढ़ाई शुरू कर सकेंगे। वहीं ठाकुर युगराज सिंह विश्वविद्यालय (फतेहपुर) के लिए आशयपत्र जारी किया गया है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए प्रायोजक संस्था एंग्लो संस्कृत कॉलेज को पांच करोड़ रुपये की निधि और कम से कम 20 एकड़ भूमि उपलब्ध करानी होगी।
प्रदेश में उच्च शिक्षा का नया आयाम
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर युवाओं को कौशल आधारित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, ताकि उन्हें अपने ही जिले में रोजगार और अनुसंधान के अवसर मिल सकें। उनका कहना था कि निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से शिक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास को भी नई दिशा मिलेगी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव एम.पी. अग्रवाल, सचिव अमृत त्रिपाठी और विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी भी उपस्थित रहे।
भदोही में राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा
इसके साथ ही प्रदेश कैबिनेट ने भदोही (संतकबीरनगर) जिले में स्थित काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को काशी नरेश विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करने की मंजूरी दे दी है। यह विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश का 24वां राज्य विश्वविद्यालय होगा। इस निर्णय से भदोही और आसपास के ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों को कम शुल्क में उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।
51 निजी विश्वविद्यालयों तक पहुंचा आंकड़ा
प्रदेश में अब तक कुल 51 निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना हो चुकी है, जो उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को नई पहचान दे रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में युवाओं को गुणवत्तापूर्ण और रोजगारोन्मुख शिक्षा मिल सके, ताकि वे अपने भविष्य को मजबूत बना सकें और प्रदेश के विकास में योगदान दें।
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