रिक्त पदों की संख्या और प्रक्रिया
प्रदेशभर में लगभग 20 हजार शिक्षकों के पद खाली बताए जा रहे हैं। निदेशालय ने यह निर्देश दिया है कि 31 मार्च 2026 तक रिक्त होने वाले संभावित पदों को भी भर्ती प्रस्ताव (अधियाचन) में शामिल किया जाए। इससे पहले 29 जुलाई 2025 को जारी पत्र के माध्यम से जिलों से प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, सहायक अध्यापक (स्नातक वेतनक्रम) और संबंधित प्राथमिक विद्यालयों के रिक्त पदों की जानकारी मांगी गई थी।
समीक्षा में पाया गया कि कई विद्यालयों ने सभी रिक्त पदों को अधियाचन में शामिल नहीं किया था। इसलिए अब जिला विद्यालय निरीक्षकों को प्रमाणपत्र जारी करना अनिवार्य किया गया है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि जिले के सभी अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के रिक्त पदों को भर्ती प्रस्ताव में शामिल किया गया है।
अधियाचन में सभी पदों का समावेश
यदि किसी विद्यालय के पद अधियाचन में शामिल नहीं किए गए हैं, तो उस विद्यालय का नाम, कारण और संबंधित अभिलेख निदेशालय को भेजना अनिवार्य होगा। साथ ही, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को इस प्रक्रिया की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि सभी जानकारी निर्धारित समय सीमा में निदेशालय तक पहुंच सके।
ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेंद्र देव ने बताया कि एनआइसी द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जा रहा है। जैसे ही पोर्टल का लिंक उपलब्ध होगा, रिक्त पदों की सूची ऑनलाइन अपलोड कर दी जाएगी, जिससे सभी संबंधित अधिकारी और उम्मीदवार स्थिति देख सकेंगे।
आगे की क्या होगी पूरी प्रक्रिया
अधियाचन को अंतिम रूप देने के बाद यह उत्तर प्रदेश शिक्षक सेवा चयन आयोग (UPTET/UPPSC) को भेजा जाएगा। आयोग इसके आधार पर विज्ञापन जारी करेगा और सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह कदम प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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