ग्रामीण और शहरी परिवारों के लिए फायदे
ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना से जुड़े परिवार हर महीने 800 से 1,500 रुपये तक की बचत कर रहे हैं, जबकि शहरी परिवारों के लिए यह आंकड़ा 1,500 से 2,500 रुपये तक पहुंच गया है। कई घरों में तो सौर पैनलों की मदद से महीने में 300 यूनिट तक की बिजली मुफ्त में मिल रही है।
यूपी ने लक्ष्य का 57% हासिल किया
अक्टूबर 2025 तक, उत्तर प्रदेश ने पीएम सूर्य घर योजना के तहत 1,000 मेगावाट के अपने लक्ष्य का 57% पूरा कर लिया है। इस योजना के तहत लगभग 1.50 लाख घरों में 575 मेगावाट की आवासीय बिजली उत्पादन क्षमता जोड़ी जा चुकी है। इसमें शहरी क्षेत्रों में 85,000 घरों में 335 मेगावाट और ग्रामीण क्षेत्रों में 63,000 घरों में 240 मेगावाट क्षमता स्थापित की गई है।
यूपी सरकार की अतिरिक्त सब्सिडी
प्रदेश में सौर ऊर्जा के विस्तार में राज्य सरकार की सब्सिडी एक प्रमुख कारण रही है। अब तक लगभग 1,120 करोड़ रुपये की राशि सीधे लाभार्थियों को वितरित की जा चुकी है। प्रत्येक परिवार को उनकी पैनल क्षमता (1-3 किलोवाट) के अनुसार 30,000 से 75,000 रुपये की सहायता दी गई है। इस सब्सिडी के कारण 3 किलोवाट क्षमता वाले सोलर सिस्टम की लागत की वसूली केवल 20 महीने में हो जाती है, जबकि राष्ट्रीय औसत 30 महीने और बिना सब्सिडी यह अवधि 54 महीने होती।
आने वाले समय में और विस्तार
यूपी सरकार ने मार्च 2026 तक लगभग 1.17 लाख और घरों में 425 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता जोड़ने का लक्ष्य रखा है। अक्तूबर 2025 तक, 7.2 लाख से अधिक परिवार इस योजना में पंजीकरण करा चुके हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश सोलर सिटी कार्यक्रम को भी तेजी से आगे बढ़ा रहा है और अयोध्या सहित 18 शहरों को सौर शहर के रूप में विकसित करने की योजना है।

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