शहर से गांव तक विकास की कड़ी
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा बनाई जा रही यह रिंग रोड लगभग 15 किलोमीटर लंबी होगी। इसके मार्ग में बिहरोजपुर, छीत्तमपुर, बैठोली, गौरडीहा आयमा, गौरड़िया खालसा, बलेनाडी, चकदुबे, शाहगढ़, दौलतपुर, सरदापुर चक, खैरपुर जगजीवन, मोलनापुर माफी, ऊंचागांव, तमोली, जीरकपुर, अबू सैदपुर, सरायसदी, बदरुद्दीनपुर, नीबी खुर्द, मोहब्बतपुर, महालिय और बम्हौर जैसे गांव शामिल हैं। इन गांवों को रिंग रोड से जुड़ने पर न केवल आवागमन में आसानी होगी, बल्कि स्थानीय व्यापार और कृषि उत्पादों की आपूर्ति भी तेज होगी।
एक्सप्रेसवे से सीधा जुड़ाव
रिंग रोड का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इसे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ा जा रहा है। पहले यह संपर्क उकरौडा के पास से बनाया जाना तय था, लेकिन अब नया मार्ग बम्हौर (किमी 184 चैनल) पर एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। यह मार्ग सेमरहा रानी की सराय (किमी 218) से शुरू होकर बैठोली बाईपास होते हुए एक्सप्रेसवे तक जाएगा। इससे लखनऊ, बसखारी और अतरौलिया की ओर से आने वाले भारी वाहनों को शहर के बीच से नहीं गुजरना पड़ेगा। वे सीधे रिंग रोड के जरिए वाराणसी, जौनपुर, प्रयागराज, मऊ और गाजीपुर की दिशा में जा सकेंगे।
किसानों को मिलेगा उचित मुआवजा
परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। NHAI की टीम गांव-गांव जाकर संयुक्त सर्वे (Joint Management Survey) कर रही है। इसके बाद प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि किसानों को उनकी भूमि का उचित मूल्य और पुनर्वास के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
गांवों के लिए नए अवसर
रिंग रोड बनने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। सड़क किनारे ढाबे, पेट्रोल पंप, गोदाम और परिवहन सेवाएं शुरू होने से स्थानीय लोगों को काम मिलेगा। साथ ही, किसानों को अपने उत्पादों को शहर और बाजार तक पहुंचाने में आसानी होगी, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।
शहर को मिलेगा जाम से राहत
आजमगढ़ शहर में अक्सर लगने वाले ट्रैफिक जाम से अब लोगों को राहत मिलेगी। रिंग रोड के जरिए बाहरी वाहनों को शहर के भीतर प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। यह न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि प्रदूषण और दुर्घटनाओं में भी कमी लाएगा।

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