आयोग का उद्देश्य
8वें वेतन आयोग का मुख्य लक्ष्य मौजूदा वेतन संरचना की समीक्षा करना और इसे वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप बनाना है। यह केवल वेतन और भत्तों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि कर्मचारियों की सेवा शर्तों, कामकाजी परिस्थितियों और पेंशन प्रणाली का भी मूल्यांकन करेगा। आयोग सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के वेतनमान की तुलना भी करेगा ताकि सरकारी कर्मचारियों को अधिक यथार्थपरक सिफारिशें दी जा सकें।
संरचना और समय-सीमा
आयोग को अस्थायी निकाय के रूप में गठित किया गया है, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई करेंगी। सरकार ने आयोग को 18 महीने का समय दिया है। जरूरत पड़ने पर आयोग अपनी अंतरिम रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर सकता है।
कौन होंगे लाभान्वित
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें निम्नलिखित वर्गों के लिए लागू होंगी: केंद्रीय सरकार के सभी स्थायी और अस्थायी कर्मचारी, रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के कर्मचारी, रेलवे, डाक विभाग और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के कर्मचारी, वे स्वायत्त संस्थान जो केंद्र सरकार के वेतनमान अपनाते हैं, सभी केंद्रीय पेंशनभोगी।
कब से लागू होगा वेतन
सरकार ने स्पष्ट किया है कि आयोग की सिफारिशें जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं। यदि प्रक्रिया में देरी होती है, तो बढ़ा हुआ वेतन एरियर के रूप में कर्मचारियों को दिया जाएगा।
फिटमेंट फैक्टर और वेतन वृद्धि
हर वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह गुणक तय करता है कि कर्मचारी का मूल वेतन कितना बढ़ेगा। उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग में 2.57 गुणक का उपयोग किया गया था। उम्मीद की जा रही है कि 8वें वेतन आयोग में यह और अधिक हो सकता है, ताकि महंगाई के अनुरूप कर्मचारियों की आय बढ़ सके।
पेंशन और अन्य लाभ
8वें वेतन आयोग पेंशन में भी बदलाव की सिफारिश करेगा। पेंशनभोगियों की मासिक राशि नए वेतन मैट्रिक्स के आधार पर बढ़ सकती है। आयोग यह भी देखेगा कि इससे सरकारी वित्त पर कितना असर पड़ेगा।
कर्मचारी सीधे लाभान्वित होंगे
केंद्रीय वेतन संशोधन स्वतः लागू होगा और कर्मचारियों को किसी आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी। आयोग की रिपोर्ट और कैबिनेट स्वीकृति के बाद नया वेतन अपने आप प्रभावी होगा।

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