क्यों मायने रखती है Meteor?
Meteor को बीयान्ड-विज़ुअल-रेंज (BVR) मिसाइलों की श्रेणी में सबसे उन्नत माना जाता है। इसका प्रभावी परिधि लगभग 200 किलोमीटर तक बताई जाती है। यानी यह बहुत दूरी पर मौजूद हवाई लक्ष्यों को भी पकड़ कर नष्ट करने में सक्षम है।
मिसाइल की खासियतों में शामिल हैं:
1 .रामजेट इंजन: Meteor में ramjet प्रोपल्शन तकनीक दी गई है, जो मिसाइल को लगातार उच्च-स्पीड पर धकेलती रहती है और लंबी दूरी पर भी अप्रत्याशित गति बनाए रखती है।
2 .एडवांस्ड रडार सीकर: इसमें सक्रिय रडार सीकर है जो लक्ष्य को लॉक कर के उसे तब तक ट्रैक करता है जब तक लक्ष्य निष्प्रभावित न हो जाए।
3 .नो-एस्केप जोन: Meteor का वो पहलू जिसे अक्सर 'खत्म न होने वाला दायरा' कहा जाता है, यानी लक्ष्य के पास बचने की बहुत कम गुंजाइश रहती है।
4 .नेटवर्क-बेस्ड ऑपरेशन: मिसाइल अन्य विमान और ग्राउंड कंट्रोल से रीयल-टाइम सूचनाएं लेकर संचालन कर सकती है, जिससे यह एक समन्वित हवाई अभियान का हिस्सा बन जाती है।
राफेल के साथ जोड़ी -‘डेडली कॉम्बो’
राफेल जेट्स पहले से ही उन्नत एवियोनिक्स और लंबी दूरी के रडार के साथ हैं, जिनकी क्षमता 400 किलोमीटर तक लक्ष्यों का पता लगाने की बताई जाती है। मेटियोर उस टार्गेट को 200 km दूर से तबाह कर सकती है। रडार पहले लक्ष्य का पता लगाएगा और Meteor उसे लंबी दूरी से पकड़ कर निष्प्रभावित कर देगी।
अंतरराष्ट्रीय उपयोग और भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता
Meteor का विकास यूरोप की रक्षा कंपनी MBDA ने किया है और यह मिसाइल पहले ही फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी जैसी वायु सेनाओं में तैनात है। भारत के पास पहले से उपलब्ध राफेल स्क्वाड्रन 2016 में फ्रांस से आए जेटों पर आधारित है, इन्हें Meteor शस्त्र से सुसज्जित करना भारतीय हवाई क्षमताओं को और मजबूती देगा।

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