आयोग की प्रक्रिया और समयसीमा
8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया को औपचारिक मंजूरी दे दी है। सरकार ने इस आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को हरी झंडी दे दी है और सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह आयोग अगले 18 महीनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा, जिसके बाद केंद्रीय कैबिनेट इसकी सिफारिशों पर विचार कर अंतिम मंजूरी देगी।
पेंशन में संभावित बदलाव
इस बार 8वें वेतन आयोग में पेंशन सुधार पर खास ध्यान दिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान में 15 साल की सेवा पूरी करने पर पूरी पेंशन मिलती है। नई सिफारिशों में इसे घटाकर 12 साल करने का प्रस्ताव है। इसका मतलब है कि कर्मचारी कम समय में ही पूरी पेंशन के हकदार बन जाएंगे।
पेंशन की नई रकम
खबरों के मुताबिक: न्यूनतम बेसिक पेंशन ₹9,000 से बढ़कर ₹25,000 प्रति माह तक हो सकती है। यह लगभग तीन गुना वृद्धि है, जिससे पेंशनर्स की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। मौजूदा DA (महंगाई भत्ता) लगभग 58% है, जो नए फंड के साथ बढ़ सकता है।
फिटमेंट फैक्टर का असर
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर भी तय होगा, जो वेतन और पेंशन दोनों में वृद्धि का आधार है। अनुमान है कि यह फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है। जितना ज्यादा फिटमेंट फैक्टर होगा, कर्मचारियों की हाथ में आने वाली सैलरी और पेंशन उतनी ही ज्यादा होगी। इसके साथ, ग्रेच्युटी, प्रोविडेंट फंड योगदान और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले स्वास्थ्य बीमा लाभ भी बेहतर हो सकते हैं।
अगले दो साल महत्वपूर्ण
विशेषज्ञों का मानना है कि 8वें वेतन आयोग के लिए अगले दो साल काफी अहम होंगे। इस दौरान आयोग अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देगा और कर्मचारियों को स्पष्ट जानकारी 2026 के मध्य या अंत तक मिलने की उम्मीद है। इस बार की सिफारिशें रिटायर कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए अर्थपूर्ण बदलाव ला सकती हैं और उनकी जीवनशैली में सुधार कर सकती हैं।

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