कौन करेगा 8वें वेतन आयोग की अगुवाई?
सरकार ने इस आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई को सौंपी है। आयोग में एक अंशकालिक सदस्य और एक सदस्य-सचिव भी होंगे। यह आयोग अपनी गठन तिथि से 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, आयोग की अंतरिम रिपोर्ट आने के बाद इसके क्रियान्वयन की तारीख तय की जाएगी, जो संभवतः 1 जनवरी 2026 हो सकती है।
7वें वेतन आयोग से क्या मिला था फायदा?
सातवां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित हुआ था और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गईं। इसके बाद कर्मचारियों का न्यूनतम बेसिक वेतन ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 कर दिया गया था। साथ ही, पुरानी ग्रेड पे प्रणाली खत्म कर एक नया पे मैट्रिक्स सिस्टम लागू किया गया, जिससे वेतन संरचना सरल और पारदर्शी हो गई।
अब कितना बढ़ सकता है वेतन?
वर्तमान में एक लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC) का बेसिक पे ₹19,900 के आसपास है। सातवें वेतन आयोग के मुताबिक इसकी कुल सैलरी (डीए, एचआरए, ट्रैवल अलाउंस आदि जोड़कर) लगभग ₹38,000 तक जाती है। आठवें वेतन आयोग में अगर फिटमेंट फैक्टर 3.00 तय किया जाता है, तो LDC का नया बेसिक वेतन करीब ₹59,700 तक पहुंच सकता है। वहीं अगर डीए (महंगाई भत्ता) 58% बना रहता है, तो कुल सैलरी में 40–45% तक की बढ़ोतरी संभव है।
पेंशनर्स को क्या लाभ मिलेगा?
पेंशनधारकों के लिए भी अच्छी खबर है। सूत्रों के अनुसार, न्यूनतम बेसिक पेंशन को ₹9,000 से बढ़ाकर ₹25,000 प्रति माह तक किया जा सकता है। इसके अलावा, पूर्ण पेंशन के लिए आवश्यक सेवा अवधि को 15 साल से घटाकर 12 साल करने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है। इस बदलाव से न सिर्फ नए रिटायर होने वालों को राहत मिलेगी, बल्कि पहले से सेवा में मौजूद कर्मचारियों को भी आर्थिक सुरक्षा बढ़ेगी।
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