आयात शुल्क की संरचना
नई नीति के अनुसार कुल 30% आयात शुल्क को दो हिस्सों में बांटा गया है: 10% बेसिक कस्टम ड्यूटी, 20% कृषि और विकास उपकर (AIDC), ध्यान रहे कि 31 अक्टूबर 2025 तक बिल ऑफ़ लैडिंग के साथ आयातित पीली मटर पर यह शुल्क लागू नहीं होगा।
पहले की स्थिति क्या थी?
दिसंबर 2023 में सरकार ने पीली मटर के ड्यूटी-फ्री आयात की अनुमति दी थी, ताकि घरेलू दाल की कमी को पूरा किया जा सके। यह छूट पहले अक्टूबर 2024 तक थी, जिसे बाद में मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया। लेकिन सस्ते विदेशी आयात के कारण घरेलू किसानों को भारी नुकसान हुआ, क्योंकि बाजार में उनके उत्पादों की कीमत गिर गई।
भारत का आयात आंकड़ा
वित्त वर्ष 2024–25 में भारत ने कुल 67 लाख टन दालों का आयात किया, जिसमें लगभग 30 लाख टन पीली मटर शामिल थी। पिछले कुछ महीनों में कनाडा और रूस से सस्ते पीली मटर के आयात में वृद्धि हुई, जिससे घरेलू दालों की कीमतें गिर गईं।
इस कदम से क्या बदलाव आएगा
आयात शुल्क लगाने के बाद विदेशी पीली मटर की कीमत बढ़ जाएगी, जिससे उसकी सप्लाई और आयात घट सकते हैं। इसका सीधा असर घरेलू दालों की कीमतों में सहारा देने के रूप में होगा और किसानों को बेहतर दाम मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। हालांकि, आम उपभोक्ताओं को दालों की कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी महसूस हो सकती है।

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