नया मास्टरप्लान क्या है?
महंगाई भत्ता वर्तमान में Consumer Price Index for Industrial Workers (CPI-IW) के आधार पर तय होता है। हर बार इसे एक ‘बेस ईयर’ से जोड़ा जाता है। वर्तमान में DA की गणना का आधार वर्ष 2016 है, जिसे 7वें वेतन आयोग के समय तय किया गया था। 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर यह आधार वर्ष बदलकर 2026 हो सकता है।
आसान भाषा में समझें
बेस ईयर बदलना ऐसा है जैसे किसी गेम का स्कोर रीसेट कर दिया गया हो। नए आधार वर्ष के साथ महंगाई भत्ते की गिनती फिर से ‘0%’ से शुरू होगी। इसका मतलब यह है कि अब भविष्य में मिलने वाला DA सीधे आपकी नई और बढ़ी हुई बेसिक सैलरी पर लागू होगा।
क्यों किया जा रहा बदलाव?
पिछले दस सालों में लोगों की खर्च करने की आदतें और महंगाई की प्रकृति बदल गई है। अब जो चीजें आम आदमी खरीदता है, उनका दाम 2016 से काफी बदल चुका है। इसलिए कर्मचारियों को वास्तविक और सही लाभ देने के लिए बेस ईयर को अपडेट करना जरूरी माना गया है।
DA कैलकुलेशन में बदलाव
पुराने DA का मर्ज: 1 जनवरी 2026 तक जो DA आपने कमाया है, वह आपकी बेसिक सैलरी में जोड़ दिया जाएगा।
रीसेट: पुराने DA के मर्ज होने के बाद DA का काउंटर शून्य पर सेट होगा। भविष्य में मिलने वाला DA नई बेसिक सैलरी पर कैलकुलेट होगा।

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