यह आयोग अगले 18 महीनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा, जिसके बाद केंद्रीय कैबिनेट इसकी सिफारिशों पर विचार कर अंतिम मंजूरी देगी। इस आयोग की सिफारिशों से एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स प्रभावित होंगे। सबसे अहम पहलू रहेगा फिटमेंट फैक्टर, जिसके आधार पर वेतन और पेंशन दोनों में बढ़ोतरी तय होगी।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणांक है, जो वर्तमान मूल वेतन (Basic Pay) को गुणा करके नया मूल वेतन तय करता है। उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था। अगर किसी कर्मचारी का मौजूदा मूल वेतन ₹35,000 है और नया फिटमेंट फैक्टर 2.11 निर्धारित होता है, तो उसका नया मूल वेतन होगा ₹35,000 × 2.11 = ₹73,850, यानी मूल वेतन में लगभग दोगुनी वृद्धि। इसके साथ ही, वेतन से जुड़े भत्ते जैसे HRA, TA और अन्य भत्ते भी उसी अनुपात में बढ़ेंगे।
भत्तों पर असर कैसे पड़ेगा?
एचआरए (HRA) जैसे भत्ते मूल वेतन के प्रतिशत पर आधारित होते हैं। इसलिए जब बेसिक पे बढ़ेगा, HRA अपने आप बढ़ जाएगा। उदाहरण के तौर पर अगर किसी कर्मचारी को 24% HRA मिलता है और उसका मूल वेतन ₹73,850 हो गया, तो उसका नया HRA होगा ₹17,724। दूसरी ओर, ट्रांसपोर्ट अलाउंस (TA) जैसे कुछ भत्तों में सीधी बढ़ोतरी नहीं होती, लेकिन वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद उनमें भी संशोधन किया जाता है।
महंगाई भत्ता (DA) का क्या रोल है?
महंगाई भत्ता सीधे फिटमेंट फैक्टर तय नहीं करता, लेकिन इसकी दर आयोग की गणना में एक अहम भूमिका निभाती है। मौजूदा समय में DA लगभग 58% है और 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू होते-होते यह 70% के आसपास पहुंच सकता है। इसके अलावा, आयोग ग्रोथ फैक्टर और फैमिली यूनिट्स को भी ध्यान में रखता है। पिछली बार ग्रोथ फैक्टर 24% और फैमिली यूनिट्स 3 थीं। अगर इस बार यूनिट्स की संख्या 4 की जाती है, तो फिटमेंट फैक्टर में करीब 13% अतिरिक्त वृद्धि संभव है।
कितनी बढ़ेगी सैलरी?
विशेषज्ञों के मुताबिक, नए आयोग में औसतन 20% से 25% तक वेतन वृद्धि की उम्मीद है। यदि सरकार सरलता के लिए एक समान फिटमेंट फैक्टर अपनाती है (जैसा 7वें वेतन आयोग में किया गया था), तो सभी कर्मचारियों के लिए एक समान वृद्धि लागू होगी। हालांकि, निचले वेतन ग्रेड वाले कर्मचारियों को अधिक राहत देने के लिए आयोग अलग-अलग स्तरों पर थोड़ा भिन्न गुणांक भी तय कर सकता है।
पेंशनभोगियों को भी मिलेगा फायदा
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें पेंशनर्स पर भी लागू होंगी। उदाहरण के लिए अगर किसी पेंशनर को ₹30,000 प्रति माह मिल रहा है और फिटमेंट फैक्टर 2.0 तय होता है, तो उसकी नई पेंशन होगी: ₹30,000 × 2.0 = ₹60,000 प्रति माह। इस प्रकार, पेंशनधारकों की आय में भी सीधी बढ़ोतरी होगी।
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