अब तक 10 हजार FPO गठित, 52 लाख किसान जुड़े
दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय FPO समागम के दौरान कृषि मंत्री ने बताया कि अब तक 10,000 से अधिक किसान उत्पादक संगठन (FPO) गठित हो चुके हैं, जिनसे 52 लाख से ज्यादा किसान जुड़ चुके हैं। इन संगठनों के माध्यम से किसान न केवल अपने उत्पादों की बेहतर कीमत पा रहे हैं, बल्कि सीधे बाजार में व्यापार भी कर रहे हैं।
चौहान ने बताया कि अब तक करीब 100 FPO ने 100 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है, जो इस योजना की सफलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में मजबूत और आत्मनिर्भर FPO स्थापित किए जाएं, ताकि किसानों को एकजुट होकर काम करने का अवसर मिले।
किसानों को मिलेंगी सस्ती कृषि सामग्री
सरकार ने FPO को अधिक अधिकार देने का निर्णय लिया है। कृषि मंत्री के अनुसार, अब इन संगठनों को खाद, बीज और कीटनाशक की बिक्री के लिए अधिक लाइसेंस दिए जाएंगे। इससे किसान अपनी आवश्यक सामग्री सीधे एफपीओ से कम कीमत पर और भरोसेमंद गुणवत्ता में खरीद सकेंगे।
जल्द लागू होगा नया सीड एक्ट
कृषि मंत्री ने यह भी घोषणा की कि केंद्र सरकार जल्द ही नया “Seed Act” (बीज अधिनियम) लागू करने जा रही है। इस कानून का उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराना और बाजार में नकली बीज और कीटनाशकों पर सख्त रोक लगाना है। इससे किसानों को फसल उत्पादन में बेहतर परिणाम मिलेंगे और फसल नुकसान की संभावना घटेगी।
किसान बनेंगे ‘कृषि उद्यमी’
राष्ट्रीय FPO समागम में 24 राज्यों के 500 से अधिक FPO ने भाग लिया। इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा, की “अब किसान केवल उत्पादक नहीं रहेंगे, बल्कि कृषि उद्यमी बनेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और FPO को मिलाकर किसानों की आय को दोगुना किया जा सके।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि FPO के माध्यम से किसान सामूहिक रूप से व्यापार करेंगे, जिससे उन्हें बड़े बाजारों तक पहुंच, उचित दाम और मूल्यवर्धन का लाभ मिलेगा।

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