हाल ही में पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने NPS को और प्रभावी बनाने के लिए एक नया "Enhancing the National Pension System" नामक परामर्श पत्र जारी किया है। इस पेपर में रिटायर्ड नागरिकों के लिए तीन नई योजनाओं का प्रस्ताव रखा गया है, जिनसे गारंटीड पेंशन, लचीलापन, और महंगाई के प्रभाव से सुरक्षा जैसे लाभ मिलेंगे।
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
भारत में एक बड़ी आबादी रिटायरमेंट के बाद आय के स्थायी और सुनिश्चित स्रोत की तलाश में रहती है। मौजूदा NPS में निवेशकों को लचीलापन तो मिलता है, लेकिन उनकी सबसे बड़ी चिंता रहती है। क्या मेरी पेंशन स्थिर और पर्याप्त होगी? PFRDA के इस नए प्रस्ताव का उद्देश्य है कि हर पेंशनधारी को उनकी जरूरत और जोखिम क्षमता के अनुसार उचित विकल्प मिल सकें, ताकि उन्हें भविष्य की आय को लेकर अनिश्चितता का सामना न करना पड़े।
नई योजनाएं: तीन विकल्प, तीन समाधान
PFRDA ने NPS के तहत तीन नई स्कीमें प्रस्तावित की हैं, जो विभिन्न प्रकार के निवेशकों के लिए डिज़ाइन की गई हैं:
1. नॉन-अश्योर्ड, फ्लेक्सिबल डिक्यूमुलेशन
इस स्कीम में निवेशक को अपनी पेंशन वेल्थ निकालने का अधिक लचीलापन मिलेगा। पैसा Systematic Withdrawal Plan (SWP) और Annuity के संयोजन के रूप में निकाला जा सकता है। इसका उद्देश्य रिटर्न को अधिकतम करना है, यानी जो लोग रिस्क लेने को तैयार हैं, उनके लिए यह एक बेहतरीन विकल्प होगा।
2. अश्योर्ड बेनिफिट स्कीम
इसमें आपको गारंटीड मासिक पेंशन मिलेगी, जो महंगाई के अनुसार समय-समय पर बढ़ाई जाएगी। महंगाई दर को मापने के लिए CPI-IW (Consumer Price Index for Industrial Workers) का उपयोग किया जाएगा। यह स्कीम उन लोगों के लिए है जो स्थिर और पूर्वनिर्धारित इनकम चाहते हैं।
3. पेंशन क्रेडिट्स स्कीम
यह एक नया और अभिनव विचार है। इसमें हर पेंशन क्रेडिट एक तय मासिक राशि देगा। यह स्कीम गोल-बेस्ड प्लानिंग के अनुसार काम करेगी, जिससे निवेशक अपने भविष्य की पेंशन का अनुमान पहले से लगा सकेंगे।
कब और कैसे मिलेगा फायदा?
यह कंसल्टेशन पेपर अभी प्रस्तावित है, और PFRDA ने 31 अक्टूबर 2025 तक आम जनता, विशेषज्ञों और संस्थानों से इस पर सुझाव और प्रतिक्रिया मांगी है। उम्मीद की जा रही है कि इसके बाद अंतिम रूप देकर इसे लागू किया जाएगा।

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