केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस निर्णय से सरकारी खजाने पर लगभग ₹10,084 करोड़ का बोझ पड़ेगा। इस कदम से 49.2 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 68.7 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। DA और DR में यह वृद्धि मुद्रास्फीति की भरपाई के उद्देश्य से की जाती है, जिसे सरकार हर छह महीने में संशोधित करती है। इससे पहले मार्च में महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी।
8वें वेतन आयोग पर सस्पेंस बरकरार
जहाँ DA में बढ़ोतरी से कर्मचारियों को तत्काल राहत मिली है, वहीं सभी की निगाहें अब 8वें वेतन आयोग की ओर टिकी हैं। सरकार ने जनवरी 2025 में आयोग के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी, लेकिन अभी तक उसके लिए ‘टर्म्स ऑफ रेफरेंस’ (ToR) तय नहीं हुए हैं। यही शर्तें आयोग की कार्यशैली और दायरे को निर्धारित करती हैं। कर्मचारी संगठनों ने सरकार से ToR को जल्द मंजूरी देने की मांग की है ताकि प्रक्रिया औपचारिक रूप से आगे बढ़ सके।
पूरी प्रक्रिया में लग सकते हैं 18 महीने
अगर आयोग को जल्द ही ToR की मंजूरी मिल जाती है, तो उसके बाद औपचारिक गठन की प्रक्रिया शुरू होगी। फिर आयोग विभिन्न मंत्रालयों, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों से बातचीत कर सिफारिशें तैयार करेगा। आमतौर पर इस पूरी प्रक्रिया में करीब 18 महीने का समय लगता है।
हालांकि अभी कोई आधिकारिक सिफारिश सामने नहीं आई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि फिटमेंट फैक्टर जो वेतन निर्धारण में प्रमुख भूमिका निभाता है 1.8 से 2.46 के बीच हो सकता है। इससे कर्मचारियों के वेतन में औसतन 14 से 34 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी संभव है।

0 comments:
Post a Comment