रेलवे योजना के अनुसार, नए कॉरिडोरों में बक्सर, आरा, लखीसराय, छपरा, वैशाली, नालंदा, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद सहित अन्य जिलों के स्टेशन शामिल होंगे। इसके लिए लगभग 260 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक बिछाने का काम होगा, जिसकी अनुमानित लागत 9,000 करोड़ रुपये आंकी गई है।
पटना से सोनपुर, हाजीपुर और मुजफ्फरपुर को जोड़ने के लिए दीदारगंज और फतुहा के बीच 10 किलोमीटर लंबा रेल पुल बनाया जाएगा। यह पुल मौजूदा कच्ची दरगाह-बिदुपुर छह लेन सेतु के समानांतर होगा। इसके लिए सर्वे करने हेतु रेलवे बोर्ड ने पहले ही 30 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। सर्वे पूरा होने के बाद डीपीआर तैयार की जाएगी।
रिंग रेल नेटवर्क के साथ जुड़ाव
पटना शहर के चारों ओर रिंग रोड का निर्माण पहले ही चल रहा है। इसी तर्ज पर शहर में रिंग रेल नेटवर्क भी विकसित किया जाएगा। इस नेटवर्क के माध्यम से नए कॉरिडोर सीधे शहर और आसपास के जिलों को जोड़ेगा। इन कॉरिडोरों पर विशेष रूप से सुबह और शाम दैनिक यात्रियों के लिए लोकल ट्रेनें चलाई जाएंगी, जबकि दोपहर में लंबी दूरी की ट्रेनें चलेंगी।
तीन कॉरिडोर का विवरण:
ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर: बक्सर से किऊल तक का मार्ग।
नॉर्थ कॉरिडोर: फतुहा, पटना, छपरा, सोनपुर, हाजीपुर और मुजफ्फरपुर को जोड़ेगा।
सेंट्रल कॉरिडोर: पटना, फतुहा, बख्तियारपुर, बिहार शरीफ, तिलैया, गया और जहानाबाद के बीच बनेंगे।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इन कॉरिडोरों के बनने से बिहार में यात्री सेवाओं की गुणवत्ता और आवागमन की सुविधा दोनों बढ़ेंगी। यह परियोजना न केवल दैनिक यात्रियों के लिए फायदेमंद होगी बल्कि राज्य में रेलवे नेटवर्क को भी और मजबूत बनाएगी।

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