वहीं जनवरी के अंत तक रोस्टर क्लियर कराते हुए पूरी वैकेंसी बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) को भेजे जाने की उम्मीद जताई जा रही है। शिक्षा विभाग ने पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन निर्धारण के लिए वित्त विभाग से अनुरोध कर दिया है। वित्त विभाग की मंजूरी मिलते ही भर्ती प्रक्रिया और तेजी से आगे बढ़ेगी।
4000 से अधिक पदों पर भर्ती की तैयारी
शिक्षा विभाग का अनुमान है कि इस बार चार हजार से अधिक पुस्तकालयाध्यक्षों के पदों पर नियुक्ति का अवसर उपलब्ध होगा। इन नियुक्तियों की प्रक्रिया विद्यालय सहायक की तर्ज पर की जाएगी। राज्य सरकार ने हाल ही में बिहार विद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2025 को मंजूरी दे दी है, जिससे भर्ती प्रक्रिया को कानूनी आधार मिल गया है।
वेतनमान शिक्षकों के बराबर निर्धारित
बताया जा रहा है कि हाईस्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का जो वेतनमान निर्धारित है, वही वेतनमान पुस्तकालयाध्यक्षों को भी दिया जाएगा। इससे इस पद की आकर्षकता और नौकरी की स्थिरता और बढ़ जाएगी। नियुक्त उम्मीदवारों को राज्यकर्मियों की तरह नई पेंशन योजना (NPS) का लाभ भी मिलेगा।
पुस्तकालयाध्यक्षों की पिछली भर्तियों का इतिहास
राज्य के हाईस्कूलों में पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति का सिलसिला पहली बार 2008 की नियमावली के आधार पर शुरू हुआ था। इसके तहत 2596 संविदा पदों के लिए आवेदन लिए गए थे और यह प्रक्रिया 2010–11 में पूरी हुई।इनमें लगभग 2100 पुस्तकालयाध्यक्षों को नियोजित शिक्षक के समान नियुक्त किया गया था। लंबे अंतराल के बाद फिर से यह बड़ी भर्ती सामने आने से B.Lib और M.Lib धारक अभ्यर्थियों में उत्साह बढ़ गया है, जो लंबे समय से स्थायी भर्ती की मांग कर रहे थे।

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