90 किलोमीटर लंबा चार लेन कॉरिडोर
लगभग 90 किलोमीटर लंबी इस सड़क के चौड़ीकरण पर 2,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सड़क का चार लेन बनना मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी और सोनबरसा बॉर्डर तक आने-जाने वालों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा। अब यात्रा तेज़, सुरक्षित और समय बचाने वाली होगी।
नेपाल सीमा के लिए गेम-चेंजर प्रोजेक्ट
यह मार्ग भारत और नेपाल के बीच एक प्रमुख कड़ी है। जैसे ही यह सड़क चार लेन बनेगी: नेपाल सीमा से आवागमन बेहद आसान होगा, व्यापारिक वाहन बिना रुकावट आगे बढ़ सकेंगे, दोनों देशों के बीच लॉजिस्टिक का समय और लागत कम हो जाएगी, बॉर्डर पर व्यापार और टूरिज़्म को बड़ा फायदा होगा। नेपाल की दिशा में जाने वाले ट्रांसपोर्टरों के लिए यह मार्ग बेहद महत्वपूर्ण है, और अब इसकी क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
स्थानीय व्यापार और विकास में आएगी तेजी
चार लेन बनने से सिर्फ आवाजाही नहीं सुधरेगी इसका सीधा फायदा स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मिलेगा। किसानों को मंडियों तक तेजी से पहुंच मिलेगी, ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक सेक्टर में रोजगार बढ़ेगा, सीतामढ़ी और सोनबरसा बॉर्डर के व्यावसायिक इलाके विकसित होंगे, उद्योगों को कच्चा माल और बाजार तक पहुंच आसान होगी। यह प्रोजेक्ट उत्तर बिहार के आर्थिक नक्शे को बदलने की क्षमता रखता है।

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