पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के पूर्वी और मध्य हिस्सों में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों और आम लोगों दोनों को प्रभावित किया है। गुरुवार को भी कई जिलों में बेमौसम बारिश दर्ज की गई, जिससे तापमान सामान्य से काफी नीचे चला गया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर सिस्टम के कारण यह परिवर्तन देखा जा रहा है।
कई जिलों में भारी से मध्यम वर्षा
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में झांसी में सबसे अधिक 47.8 मिमी. बारिश दर्ज की गई, जबकि उरई में 40 मिमी. और हमीरपुर में 24 मिमी. वर्षा हुई। इसके अलावा अयोध्या, कानपुर, सुलतानपुर, लखीमपुर खीरी, इटावा, बलिया, बहराइच, प्रयागराज और गोरखपुर में भी हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। राजधानी लखनऊ में 22.9 मिमी. वर्षा के साथ अधिकतम तापमान 23.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से करीब 7.5 डिग्री कम है। बाराबंकी और अयोध्या में न्यूनतम तापमान 18.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
कृषि और जनजीवन पर असर
अचानक हुई बारिश से रबी फसलों की बुवाई की तैयारी प्रभावित हुई है। कुछ इलाकों में खेतों में पानी भर गया है, जिससे किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। वहीं, तापमान में आई गिरावट के कारण लोगों ने गर्म कपड़े निकालने शुरू कर दिए हैं।
आगे का मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग का अनुमान है कि 6 नवंबर तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा जारी रहेगी। इस दौरान गरज-चमक और तेज हवाओं की भी संभावना है। उसके बाद मौसम धीरे-धीरे साफ होने लगेगा, लेकिन हवा में नमी और ठंड का असर और बढ़ सकता है।

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