देश में 2 करोड़ महिलाएँ बन चुकी हैं ‘लखपति दीदी’
कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री ने बताया कि देश में 2 करोड़ से अधिक स्वयं सहायता समूह की महिलाएँ ‘लखपति दीदी’ बनकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का संकल्प है कि कोई भी बहन गरीबी में न रहे, किसी भी महिला की आंखों में मजबूरी के आंसू न हों, हर ग्रामीण महिला सम्मान और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े।
लैंगिक भेदभाव खत्म करने के लिए संयुक्त पहल
कार्यक्रम में एक अंतर-मंत्रालयी संयुक्त एडवाइजरी भी जारी की गई, जिसमें 11 मंत्रालयों और विभागों को शामिल किया गया है महिला एवं बाल विकास, गृह मंत्रालय, पंचायती राज, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य प्रमुख मंत्रालय। यह सलाह सामूहिक सरकारी दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसके तहत महिलाओं के खिलाफ भेदभाव व हिंसा खत्म करने के लिए सभी विभाग मिलकर काम करेंगे।
ग्रामीण महिलाओं के लिए हिंसा मुक्त गांव
इस कार्यक्रम की एक और अहम घोषणा थी हिंसा मुक्त गांव की पहल। इसके लिए तीन मंत्रालयों महिला एवं बाल विकास, कानून एवं न्याय, और ग्रामीण विकास के बीच त्रिपक्षीय समझौता किया गया। केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि इस योजना के तहत ऐसे आदर्श गांव विकसित किए जाएंगे, जहाँ महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, उनके अधिकारों की रक्षा होगी, और उन्हें हर स्तर पर सशक्त बनाया जाएगा।
23 दिसंबर तक चलेगा देशव्यापी अभियान
दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY–NRLM) के तहत आयोजित यह राष्ट्रीय अभियान 23 दिसंबर 2025 तक चलेगा। राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने बताया कि 10 करोड़ ग्रामीण महिलाओं की सामूहिक शक्ति ने ‘नई चेतना’ को एक व्यापक और जमीन से जुड़े आंदोलन में बदल दिया है। राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने भी इस अवसर पर कहा कि लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए शिक्षा सबसे प्रभावी हथियार है, और सरकार इसी दिशा में मजबूत कदम उठा रही है।
सरकार के इस नए अभियान के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
नई चेतना 4.0 का मकसद सिर्फ सशक्तिकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं के लिए एक समग्र और सुरक्षित वातावरण तैयार करने का है। अभियान के प्रमुख लक्ष्य निम्न हैं। ग्रामीण महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल तैयार करना, महिलाओं को प्रमुख आर्थिक योगदानकर्ता के रूप में पहचान दिलाना, महिलाओं को अपनी बात खुलकर रखने के लिए प्रोत्साहित करना, दबी हुई समस्याओं को सामने लाने में मदद करना, महिलाओं की संपत्ति, क्रेडिट, कौशल और बाजार तक पहुंच बढ़ाना।

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