प्रस्ताव के अनुसार, शहरों में भी बिजली ग्रामीण क्षेत्रों की तरह एकल स्लैब में उपलब्ध होगी। फिलहाल शहरी घरों में बिजली की दर दो हिस्सों में होती है। पहली स्लैब में 1 से 100 यूनिट तक की खपत पर उपभोक्ताओं को सरकार की सब्सिडी मिलती है और बिल 4.12 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से आता है।
जुलाई 2025 से 125 यूनिट तक की बिजली मुफ्त कर दी गई है। दूसरी स्लैब 100 यूनिट से अधिक की खपत पर लागू होती है, जिसमें उपभोक्ताओं को 5.52 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान करना पड़ता है। प्रस्तावित योजना में इस दूसरी स्लैब को खत्म किया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं की बचत और बढ़ेगी।
शहरी परिवार आम तौर पर 200 से 225 यूनिट बिजली प्रति माह खर्च करते हैं। 125 यूनिट मुफ्त होने के बाद यदि कोई परिवार अतिरिक्त 100 यूनिट का उपयोग करता है, तो हर महीने लगभग 140 रुपये की बचत हो जाएगी। राज्य में शहरी उपभोक्ताओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
वित्त वर्ष 2023–24 में 30 लाख से अधिक शहरी उपभोक्ता थे, जो अगले साल बढ़कर 31 लाख के आसपास हो गए, और अब यह संख्या 35 लाख से ऊपर पहुँच चुकी है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि नई योजना लागू होने के बाद राज्य भर के उपभोक्ताओं को हर महीने करीब 50 करोड़ रुपये की कुल बचत होगी। फिलहाल यह प्रस्ताव विद्युत विनियामक आयोग की मंज़ूरी का इंतजार कर रहा है। मंज़ूरी के बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

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