1. मोबाइल एप के माध्यम से घर और खेत की जानकारी
योगी सरकार ने जमीन मालिकों के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित करने का निर्णय लिया है। इस ऐप के जरिए जनवरी से पहले ही लोग अपने घर और खेत का नक्शा मोबाइल पर आसानी से देख सकेंगे। राजस्व परिषद ने सैटेलाइट इमेजिंग की मदद से घरों और खेतों के नक्शे तैयार कराए हैं।
इस एप में गाटा संख्या, खतौनी और खसरा संख्या डालकर नागरिक अपने खेत, घर, गांव या मोहल्ले की सटीक डिजिटल तस्वीर देख सकेंगे। राज्य में 57,694 ग्राम पंचायतें और एक लाख से अधिक राजस्व ग्राम हैं। ऐप के माध्यम से ऑनलाइन नक्शे देखने की सुविधा मिलने के बाद भूमि विवादों की संभावना कम हो जाएगी। इसके अलावा, हर घर और खेत का क्षेत्रफल भी एप पर प्रदर्शित होगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और भूमि संबंधित जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी।
2. निजी औद्योगिक पार्क बनाना हुआ आसान
उत्तर प्रदेश में निजी औद्योगिक पार्क स्थापित करना अब और सरल हो गया है। सरकार ने सड़कों की चौड़ाई के मानक में बदलाव करते हुए इसे 12 मीटर से घटाकर 7 मीटर कर दिया है। इसके चलते अब छोटी सड़कों के किनारे भी निजी औद्योगिक पार्क खोले जा सकेंगे।
अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास, आलोक कुमार ने अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना के अनुसार, सात मीटर चौड़ी सड़कों के किनारे केवल ग्रीन और ऑरेंज श्रेणी की औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जा सकती हैं। वहीं, 12 मीटर चौड़ी सड़कों के किनारे हर श्रेणी की औद्योगिक इकाई स्थापित की जा सकेगी।
अधिसूचित क्षेत्रों में औद्योगिक पार्क का नक्शा विकास प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित किया जाएगा और संबंधित जिलाधिकारी के मूल्यांकन के बाद पार्क को एक इकाई मानकर स्टांप शुल्क लिया जाएगा। इसके अलावा, अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों से 25 प्रतिशत विकास शुल्क वसूला जाएगा।

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