चालू वित्त वर्ष में तेजी
एसएंडपी के अनुसार, अप्रैल-जून 2025 की अवधि में भारत का वास्तविक जीडीपी 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो पिछले पांच तिमाहियों में सबसे तेज़ वृद्धि है। वहीं, जुलाई-सितंबर की दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े 28 नवंबर को आधिकारिक तौर पर जारी किए जाएंगे।
रेटिंग एजेंसी का विश्लेषण
एसएंडपी की ‘इकोनॉमिक आउटलुक एशिया-पैसिफिक रिपोर्ट’ में कहा गया, “हमारा अनुमान है कि भारत की GDP वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026-27 में 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। घरेलू मांग मजबूत रहने और उपभोग प्रेरित वृद्धि के कारण यह तेजी बनी रहेगी, जबकि जोखिम संतुलित रूप से मौजूद रहेंगे।”
आयकर और GST कटौती का असर
रेटिंग एजेंसी ने इस वृद्धि में आयकर कटौती और माल एवं सेवा कर (GST) में कमी को अहम कारण बताया। चालू वित्त वर्ष में मध्यम वर्ग को कर में राहत मिली है। सरकार ने आयकर की छूट सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी है, जिससे मध्यम वर्ग को करीब एक लाख करोड़ रुपये की कर राहत मिली।
इसके अलावा, आरबीआई ने प्रमुख नीतिगत ब्याज दरों में 0.5 प्रतिशत की कटौती की है, जिससे दरें तीन साल के निचले स्तर 5.5 प्रतिशत पर आ गई हैं। 22 सितंबर से लगभग 375 वस्तुओं पर GST दरें घटाई गईं, जिससे दैनिक उपभोग की वस्तुएं सस्ती हुईं और उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी हुई।
नई रिपोर्ट के अनुसार उपभोक्ता और निवेश बढ़ेंगे
एसएंडपी का मानना है कि आयकर में राहत और ब्याज दरों में कटौती से उपभोक्ता खर्च में वृद्धि होगी, जबकि निवेश में भी सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू मांग की मजबूती और मध्यम वर्ग की खरीदारी क्षमता देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ा रही है।
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