बिहार में शिक्षकों की सैलरी पहले, डीईओ के बाद में!

पटना। बिहार सरकार ने शिक्षकों की सैलरी में लगातार हो रही देरी पर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा फैसला लिया है। अब से राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को सबसे पहले वेतन मिलेगा, इसके बाद ही जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) और अन्य जिला स्तर के शिक्षा कर्मियों का वेतन जारी किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।

लंबे समय से हो रही थी देरी, अब मिली राहत

बीपीएससी से चयनित शिक्षक और सक्षमता परीक्षा पास करने वाले हजारों शिक्षक बीते महीनों से वेतन में हो रही देरी को लेकर परेशान थे। कई जिलों से शिकायतें मिल रही थीं कि शिक्षकों को महीनों तक वेतन नहीं मिल रहा, जबकि प्रशासनिक अधिकारी समय पर वेतन ले रहे हैं। अब विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि पहले शिक्षक, फिर अधिकारी।

एसीएस सिद्धार्थ ने जताई सख्ती

बीते 3 मई को आयोजित ‘शिक्षा की बात: हर शनिवार’ कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए थे कि वेतन वितरण की प्राथमिकता बदलनी होगी। उन्होंने कहा, “जो शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं, वे ही सबसे पहले वेतन के हकदार हैं। उनके भुगतान में किसी प्रकार की देरी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” सिद्धार्थ ने यह भी चेतावनी दी कि यदि किसी जिले में शिक्षकों के वेतन में देरी पाई गई, तो वहां के डीईओ समेत जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सभी जिलों को भेजा गया पत्र

शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी ने गुरुवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजकर यह आदेश लागू करने को कहा है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि “सभी श्रेणियों के शिक्षकों का वेतन भुगतान पहले सुनिश्चित किया जाए। इसके बाद ही जिला शिक्षा कार्यालय के कर्मचारियों और अधिकारियों को वेतन दिया जाएगा।”

शिक्षकों में खुशी की लहर

सरकार के इस फैसले से शिक्षकों में खुशी की लहर है। लंबे समय से वेतन के इंतजार में बैठे शिक्षकों ने इस फैसले का स्वागत किया है। शिक्षक संघों ने भी इसे सराहनीय कदम बताया है और उम्मीद जताई है कि इससे न केवल आर्थिक असंतोष दूर होगा, बल्कि शिक्षकों का मनोबल भी बढ़ेगा।

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