बिहार में शिक्षकों का ट्रांसफर: पसंदीदा जगह पोस्टिंग

पटना। बिहार के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के बहुप्रतीक्षित स्थानांतरण प्रक्रिया का दूसरा चरण जल्द शुरू होने वाला है। शिक्षा विभाग ने इस बाबत तैयारियां तेज कर दी हैं। अब तक कुल 1.90 लाख में से 1.30 लाख शिक्षकों का ट्रांसफर हो चुका है। शेष 60,226 शिक्षकों के स्थानांतरण पर फैसला जल्द लिया जाएगा।

जिला शिक्षा अधिकारियों की बुलाई गई बैठक

शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) की बैठक बुलाई है। इस बैठक में अब तक हुए कार्यों की समीक्षा की जाएगी, साथ ही बचे हुए शिक्षकों के आवेदन पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा। अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया है कि प्रथम चरण में पदस्थापना और योगदान के बाद ही दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू होगी।

कौन-कौन शिक्षक अब तक हुए स्थानांतरित?

बिहार में 760 कैंसर पीड़ित, 2,579 असाध्य रोगों से पीड़ित शिक्षक, 5,575 दिव्यांग शिक्षक, 1,338 विधवा व परित्यक्ता शिक्षिकाएं, पति-पत्नी स्थानांतरण आधार पर 16,365 शिक्षक का ट्रांसफर हो चूका हैं। वहीं, ऑनलाइन आवेदन करने वाले एक लाख 90 हजार 226 शिक्षकों में से एक लाख 30 हजार शिक्षक में स्थानांतरित किया जा चुका है।

शिक्षकों को मिलेगा नया विकल्प का मौका

जिन 60,226 शिक्षकों के आवेदन पर अभी तक विचार नहीं हुआ है, उनके लिए अच्छी खबर है। शिक्षा विभाग की ओर से ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर यह विकल्प उपलब्ध कराया गया है कि वे चाहें तो अपना पूर्व का आवेदन वापस ले सकते हैं या नया विकल्प भरकर फिर से आवेदन कर सकते हैं। जो शिक्षक पहले दिए गए कारण को बदलना चाहते हैं, वे भी अपने पुराने आवेदन को डिलीट करके नया आवेदन कर सकते हैं।

किन जिलों को प्राथमिकता मिलेगी?

शिक्षकों को नए विकल्प भरते समय उन जिलों को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई है, जहां छात्र-शिक्षक अनुपात औसत से अधिक है। ऐसे जिलों में पोस्टिंग की संभावना अधिक होगी। ये जिले हैं: शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, अररिया, कटिहार, खगड़िया, सुपौल, बांका, जमुई, किशनगंज, लखीसराय, भागलपुर और मधुबनी।

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