राफेल जेट्स में लगेगा 112 किलो का ये 'बाहुबली'!

नई दिल्ली। आधुनिक युद्ध के दौर में जहां हर देश अपनी वायु सेना को और अधिक घातक व सक्षम बनाने की होड़ में है, वहीं फ्रांस की नई पीढ़ी की मिसाइल MICA-NG (Missile d’Interception, de Combat et d’Auto-défense – New Generation) एक अहम मील का पत्थर बनकर उभरी है। यह मिसाइल विशेष रूप से राफेल फाइटर जेट्स के लिए डिजाइन की गई है और 2030 तक इन्हें भारतीय वायुसेना सहित फ्रांस के मित्र देशों के बेड़े में शामिल किया जाएगा।

MICA-NG मिसाइल: एक संक्षिप्त परिचय

फ्रांसीसी डिफेंस प्रोक्योरमेंट एजेंसी (DPA) द्वारा हाल ही में इस मिसाइल का सफल परीक्षण राफेल जेट से किया गया। यह एक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है और खासतौर पर उन्नत वायु युद्ध परिदृश्यों को ध्यान में रखकर विकसित की गई है।

MICA-NG की प्रमुख खूबियां:

रेंज: 60 से 80 किलोमीटर

गति: मैक 4 (ध्वनि की गति से चार गुना)

वजन: 112 किलोग्राम, लंबाई: 3.10 मीटर

सीकर सिस्टम डुअल सीकर: AESA रडार + इमेजिंग इंफ्रारेड सेंसर

डेटा लिंक: दो-तरफा डेटा लिंक सुविधा, जिससे रीयल टाइम लक्ष्य अपडेट संभव

थ्रस्ट सिस्टम: दो चरणों वाला थ्रस्ट, जिससे यह अधिक तेजी और रफ्तार से लक्ष्य तक पहुँचती है

इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर रेजिस्टेंस: इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग व स्टील्थ तकनीक से लड़ने में सक्षम

भारत के लिए क्या मायने रखती है MICA-NG?

भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदे हैं, जिनमें से सभी की डिलीवरी पूरी हो चुकी है। इन विमानों में वर्तमान में MICA और Meteor मिसाइलें लगी हैं। 2030 के बाद MICA-NG को इन जेट्स में जोड़ा जा सकता है, जिससे भारतीय वायुसेना की वायु रक्षा क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। इस मिसाइल की सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई है – चाहे वह जैमिंग वातावरण हो या स्टील्थ विमानों से लड़ाई।

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