क्या है 8वां वेतन आयोग?
8वां वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और भत्तों की समीक्षा के लिए गठित एक समिति है। इसका उद्देश्य महंगाई, जीवन यापन की लागत और आर्थिक हालातों को देखते हुए सरकारी कर्मचारियों के वेतन में न्यायोचित बढ़ोतरी सुनिश्चित करना है।
सैलरी में होगी भारी बढ़ोतरी
वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण पैरामीटर होता है, जो मौजूदा मूल वेतन को एक निश्चित गुणांक से गुणा करके नया वेतन निर्धारित करता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 किया गया था।8वें वेतन आयोग में यह फिटमेंट फैक्टर 2.5 से लेकर 2.86 तक होने की संभावना है।
8वें वेतन आयोग में फायदा कितना?
यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 निर्धारित होता है, तो: वर्तमान में ₹18,000 न्यूनतम वेतन पाने वाले कर्मचारी का वेतन बढ़कर लगभग ₹25,800 हो सकता है। कुल मिलाकर 40% से 50% तक की वृद्धि संभव मानी जा रही है।
महंगाई भत्ता (DA) का मूल वेतन में विलय
8वें वेतन आयोग में एक बड़ा बदलाव यह हो सकता है कि महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) को सीधे बेसिक पे में मर्ज कर दिया जाए। इससे वेतन की गणना और भी सरल और स्थायी होगी। DA को आमतौर पर हर 6 महीने में रिवाइज किया जाता है — जनवरी और जुलाई में।
नए वेतन आयोग की कब होगी घोषणा और क्रियान्वयन?
आयोग की सिफारिशों को 2025 के अंत तक पेश किया जा सकता है। इन सिफारिशों के आधार पर सरकार फैसला लेकर 1 जनवरी 2026 से नया वेतन ढांचा लागू कर सकती है। इससे एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सीधा लाभ होगा।
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