8वें वेतन आयोग के मुख्य बदलाव
सबसे बड़ा बदलाव फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) में होने की उम्मीद है। पिछले 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जबकि अब यह बढ़कर लगभग 2.86 तक पहुंच सकता है। इस वृद्धि का सीधा असर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और पेंशन पर पड़ेगा।
मिनिमम बेसिक सैलरी: वर्तमान में 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 51,480 रुपये हो सकती है।
मिनिमम पेंशन: 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये तक जा सकती है।
वेतन के साथ भत्तों में भी होगा संशोधन
8वें वेतन आयोग में सिर्फ बेसिक सैलरी नहीं, बल्कि हाउस रेंट अलाउंस (HRA), ट्रैवल अलाउंस (TA) जैसे भत्तों को भी अपडेट किया जाएगा। भत्ते कर्मचारी की तैनाती स्थान और नौकरी में यात्राओं की संख्या पर निर्भर करेंगे। इसलिए समान ग्रेड के कर्मचारियों को भत्तों में अंतर भी देखने को मिल सकता है।
NPS और CGHS पर प्रभाव
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारी वेतन और महंगाई भत्ते का 10% हिस्सा योगदान करते हैं, जबकि सरकार 14% देती है। 8वें वेतन आयोग के बाद वेतन वृद्धि के अनुरूप ये योगदान भी बढ़ेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य योजना (CGHS) के लिए भी सदस्यता शुल्क में वेतन वृद्धि के अनुसार संशोधन होने की संभावना है, जिससे स्वास्थ्य लाभ योजनाओं की लागत भी बढ़ेगी।
विभिन्न पे ग्रेड में वेतन वृद्धि का अनुमान
ग्रेड 2000 (लेवल 3): फिटमेंट फैक्टर 2.28 के आधार पर मूल वेतन 57,456 रुपये तक बढ़ सकता है। भत्ते जोड़ने पर ग्रोस सैलरी 74,845 रुपये तक पहुंच सकती है, और कटौतियों के बाद टेक-होम सैलरी लगभग 68,849 रुपये हो सकती है।
ग्रेड 4200 (लेवल 6): संशोधित मूल वेतन 93,708 रुपये, सकल वेतन 1,19,798 रुपये, और कटौती के बाद लगभग 1,09,977 रुपये मासिक वेतन अनुमानित है।
ग्रेड 5400 (लेवल 9): मूल वेतन 1,40,220 रुपये, ग्रोस सैलरी 1,81,073 रुपये, और कुल वेतन लगभग 1,66,401 रुपये होने की संभावना है।
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