बच्चों के स्वागत में उत्सव जैसा वातावरण
सरकार द्वारा एक प्रेरणादायक पहल के तहत, स्कूलों के पहले सप्ताह को "स्वागत सप्ताह" के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान शिक्षक तिलक लगाकर बच्चों का स्वागत करेंगे, जिससे विद्यार्थियों में विद्यालय के प्रति उत्साह और आत्मीयता की भावना विकसित हो सके। यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक परंपरा को बढ़ावा देगा, बल्कि बच्चों के मन में स्कूल के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी उत्पन्न करेगा।
नई समय-सारणी और शैक्षणिक योजना
स्कूलों में प्रार्थना सभा का आयोजन हर दिन सुबह 9:30 से 10 बजे तक किया जाएगा। इसके बाद पढ़ाई का क्रम शुरू होगा, जिसमें प्रत्येक पीरियड की अवधि 40 मिनट निर्धारित की गई है। मध्याह्न भोजन का भी प्रबंध पहले की तरह सुचारु रूप से जारी रहेगा।
साप्ताहिक शिक्षण कार्यक्रम में कुछ विशेष
बुधवार को गणित के अभ्यास कार्य पर ज़ोर दिया जाएगा, जिससे बच्चों की तार्किक क्षमता का विकास हो सके।
गुरुवार को हिन्दी भाषा की रीडिंग गतिविधि आयोजित की जाएगी, जिसमें विद्यार्थियों से किसी अध्याय को पढ़वाया जाएगा ताकि उनकी भाषा कौशल में सुधार हो।
शुक्रवार को विद्यार्थियों को विभिन्न उपलब्धियों के लिए बैज देकर सम्मानित किया जाएगा, जिससे उनमें प्रतिस्पर्धात्मक भावना और आत्मबल का संचार हो।
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