भारत की नई मिसाइल, दुश्मनों के लिए सिरदर्द!

नई दिल्ली। भारत की सैन्य ताकत में एक बड़ा इजाफा होने जा रहा है। देश की रक्षा प्रणाली को और भी अधिक घातक, तेज़ और अचूक बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने लॉन्ग रेंज एंटी-शिप मिसाइल (LRAShM) पर काम तेज़ कर दिया है। 

क्या है LRAShM?

LRAShM एक अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक मिसाइल है जिसे खासतौर पर समुद्री क्षेत्रों में लंबी दूरी तक हमले के लिए तैयार किया जा रहा है। यह मिसाइल न केवल दुश्मन के जहाजों को नष्ट करने में सक्षम होगी, बल्कि इसे ज़मीन से भी दागा जा सकता है। यानी यह एक मल्टी-रोले प्लेटफॉर्म बनकर उभर रही है, जो भारतीय सेना की तीनों शाखाओं – थल सेना, वायुसेना और नौसेना – के लिए उपयोगी साबित होगी।

मिसाइल की रेंज और गति

इस मिसाइल की मारक दूरी 1500 किलोमीटर तक है, और यह लक्ष्य तक पहुंचने में महज 7 से 8 मिनट का समय लेती है। इसकी रफ्तार हैरान कर देने वाली है – लगभग 6 से 7 मैक, यानी ध्वनि की गति से कई गुना तेज। यह रफ्तार लगभग 12,144 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।

दिल्ली से इस्लामाबाद – कुछ ही मिनटों की दूरी

भारत की राजधानी दिल्ली से पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद की दूरी लगभग 690 किमी है, और कराची की दूरी 1100 किमी। LRAShM की रेंज में न केवल ये दोनों शहर आते हैं, बल्कि चीन के कुछ महत्वपूर्ण इलाके भी इसकी पकड़ में हैं। इसीलिए यह मिसाइल रणनीतिक दृष्टि से भारत के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है।

पेलोड क्षमता – पारंपरिक और परमाणु दोनों में सक्षम

यह मिसाइल पारंपरिक विस्फोटक के साथ-साथ परमाणु वॉरहेड भी ले जाने की क्षमता रखती है। इसका मतलब है कि यह केवल एक सामरिक हथियार नहीं, बल्कि एक रणनीतिक प्रतिरोधक शक्ति (Strategic Deterrent) भी है, जिससे भारत को दुश्मन देशों के खिलाफ मनोवैज्ञानिक बढ़त भी मिलेगी।

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