पुलिस व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार
डीजीपी राजीव कृष्ण के अनुसार, यह नई भर्ती यूपी पुलिस के लिए सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि आने वाले 30 से 40 वर्षों तक यह बल राज्य की कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा। इन सिपाहियों को अत्याधुनिक और व्यावहारिक ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे न केवल कुशल पुलिसकर्मी बनें, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी भली-भांति समझें।
अधिकारियों को मिला विशेष निर्देश
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ट्रेनिंग ले रहे सिपाहियों को न केवल अपने अनुभव से मार्गदर्शन दें, बल्कि खुद भी अनुशासन और अच्छा आचरण प्रदर्शित करें। डीजीपी ने अधिकारियों से अपील की कि वे परेड में भाग लें, अच्छी वर्दी पहनें और ऐसा आचरण करें जिससे प्रशिक्षु उनसे प्रेरणा ले सकें।
ट्रेनिंग के दौरान सिपाहियों को मिले बेहतर सुविधाएं
ट्रेनिंग के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए डीजीपी ने अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फीडबैक लिया और समस्याओं का त्वरित समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर किसी ट्रेनिंग सेंटर में अन्य विभागों की भूमिका है, तो सभी विभाग समन्वय करके कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करें।
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