यूपी पंचायत चुनाव 2026: ओबीसी आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव 2026 की तैयारियां जोर पकड़ चुकी हैं। राज्य सरकार ने इस बार पंचायत चुनाव को पारदर्शिता और समावेशिता के साथ सम्पन्न कराने के लिए अहम कदम उठाए हैं। खासतौर से ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण को लेकर जो असमंजस और विवाद पिछले चुनावों में देखने को मिला था, उसे इस बार पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश की जा रही है।

कैबिनेट बैठक में बड़ा निर्णय:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। सरकार ने पंचायत चुनावों में आरक्षण प्रक्रिया को सुचारु रूप से लागू करने के लिए एक विशेष आयोग – राज्य स्थानीय ग्रामीण निकाय समर्पित पिछड़ा आयोग – के गठन को मंजूरी दी है। यह आयोग पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण से संबंधित सिफारिशें देगा, जिनके आधार पर सीटों का आरक्षण तय किया जाएगा।

क्यों जरूरी था आयोग का गठन?

पिछले चुनावों में ओबीसी आरक्षण को लेकर कई प्रकार के विवाद और कानूनी चुनौतियाँ सामने आई थीं। नगर निकाय चुनाव 2023 में आयोग के अभाव में आरक्षण तय नहीं हो सका था, जिस कारण चुनाव प्रक्रिया में देरी हुई। इस बार सरकार कोई चूक नहीं करना चाहती। आयोग का गठन समय रहते कर लिया गया है, ताकि आरक्षण की प्रक्रिया न्यायसंगत और संविधान सम्मत तरीके से पूरी हो सके।

चुनाव की प्रमुख तैयारियाँ

चुनाव संभावित समय: अप्रैल 2026

चुनाव की सीटें: कुल 57,695 पंचायतों में चुनाव कराए जाएंगे

आरक्षण निर्धारण: आयोग की सिफारिशों के आधार पर सीटों पर आरक्षण तय किया जाएगा

पद: ग्राम प्रधान, बीडीसी सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, आदि विभिन्न पदों पर आरक्षण लागू होगा। 

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