बिहार में स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नया नियम

पटना। बिहार सरकार ने स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस (Permanent Driving License) जारी करने की प्रक्रिया को और ज्यादा पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब सिर्फ आवेदन पत्र भरने से काम नहीं चलेगा। आवेदकों को हाईटेक ऑटोमेटिक ट्रैक पर रीयल टाइम ड्राइविंग टेस्ट पास करना होगा।

क्या है नया नियम?

राज्य के परिवहन विभाग ने टेस्ट प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और नियमों पर आधारित बना दिया है। नए नियमों के तहत – टू-व्हीलर (बाइक या स्कूटी) चलाने वालों को 69 सेकंड में ट्रैक पूरा करना होगा। जबकि फोर-व्हीलर (कार) चलाने वालों के लिए 4 मिनट का समय तय किया गया है। यदि कोई अभ्यर्थी निर्धारित समय और ट्रैफिक नियमों के अनुसार टेस्ट पास नहीं कर पाता है, तो उसे फेल माना जाएगा। फेल होने पर अगली बार फिर से स्लॉट बुक कर टेस्ट देना होगा।

कहां शुरू हुआ है यह सिस्टम?

फिलहाल यह नई प्रक्रिया पटना और दरभंगा में लागू की जा चुकी है। अगले चरण में इसे भागलपुर, गया, छपरा और पूर्णिया सहित अन्य जिलों में भी शुरू किया जाएगा। राज्य के 26 जिलों में ऑटोमेटिक टेस्ट ट्रैक बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि 10 जिलों में निर्माण कार्य जारी है।

फेल होने पर दोबारा मौका

अगर कोई उम्मीदवार ड्राइविंग टेस्ट में फेल हो जाता है, तो उसे एक सप्ताह बाद फिर से टेस्ट देने का मौका मिलेगा। एक वाहन (बाइक या कार) में फेल होने पर ₹800 शुल्क देना होगा। दोनों में फेल होने पर ₹1150 शुल्क देना पड़ेगा। अगला टेस्ट देने के लिए फिर से स्लॉट बुकिंग अनिवार्य होगी।

शुल्क और समय सीमा की जानकारी

लर्निंग लाइसेंस (LL) के लिए – ₹740

स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस (DL) के लिए – ₹2300

यदि 6 महीने के भीतर स्थायी DL के लिए आवेदन नहीं किया गया तो लर्निंग लाइसेंस स्वतः समाप्त हो जाएगा। फिर से लर्निंग लाइसेंस बनवाने पर ₹690 शुल्क देना होगा।

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