भारत का सुपरड्रोन ‘सबल-50’: दुश्मनों के छक्के छुड़ाने को तैयार!

न्यूज डेस्क। भारत के रक्षा क्षेत्र में एक नई क्रांति आने वाली है। IIT कानपुर एक ऐसा अत्याधुनिक ड्रोन तैयार कर रहा है जो न केवल दुश्मनों को चौंकाएगा, बल्कि आने वाले वर्षों में भारत को ड्रोन तकनीक में विश्वगुरु बना सकता है। इस नए ड्रोन का नाम है ‘सबल-50’, जो जल्द ही भारत का सबसे शक्तिशाली ड्रोन कहलाने वाला है।

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू, मगर नजरें विश्वस्तर पर

‘सबल-50’ को फिलहाल एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर विकसित किया जा रहा है, लेकिन इसकी क्षमताएं इसे किसी भी युद्ध या आपात स्थिति में अत्यंत उपयोगी बना रही हैं। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में ड्रोन ने जिस तरह से निर्णायक भूमिका निभाई है, उसने दुनिया को यह दिखा दिया है कि अगली लड़ाई आकाश में उड़ते इन ‘बिना पायलट’ योद्धाओं के हाथों लड़ी जाएगी।

पहले ‘सबल-20’, अब उससे कई गुना ताकतवर ‘सबल-50’

IIT कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. अभिषेक के नेतृत्व में पहले ‘सबल-20’ नामक ड्रोन बनाया गया था, जो 20 किलो वजन ले जाने की क्षमता रखता था। यह ड्रोन पहले ही भारतीय सेना की ईस्टर्न कमांड को सौंपा जा चुका है और उसे सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जा रहा है। अब टीम ‘सबल-50’ को लेकर काम कर रही है, जो 150 किलो वजन का है और 50 किलो तक अतिरिक्त भार के साथ उड़ान भर सकता है। यह केवल एक डिलीवरी ड्रोन नहीं होगा, बल्कि एक पूर्ण रूप से सक्षम अटैक और सर्विलांस ड्रोन बनेगा।

यह ड्रोन AI और हाई-विजिबिलिटी कैमरा से है लैस

‘सबल-50’ में AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और हाई विजिबिलिटी कैमरा जैसे आधुनिकतम उपकरण लगाए गए हैं। यह कैमरा लाखों रुपये की कीमत वाला है और धूल, धुंध या बर्फ की आंधी में भी क्लियर विज़ुअल देने में सक्षम है। ड्रोन 3-4 घंटे तक हवा में रह सकता है और दुश्मनों के क्षेत्र का पूरा सर्विलांस कर सुरक्षित लौट सकता है।

अटैक और डिलीवरी दोनों मिशन में पूरी तरह सक्षम

इस ड्रोन की ताकत केवल वजन उठाने तक सीमित नहीं है। सेना इसे हवाई हमलों और सामरिक सामान पहुंचाने – दोनों ही कामों में इस्तेमाल कर सकती है। इसकी भार वहन करने की क्षमता इतनी है कि यह एक बार में कई अटैक कैरी कर सकता है।

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