यूपी में नगर पंचायत व नगर पालिका की बढ़ी पावर
संशोधित एसओपी के तहत अब यूपी की नगर पंचायतें ₹1 करोड़ तक और नगर पालिका परिषद ₹2 करोड़ तक के निर्माण एवं विकास कार्य खुद कर सकेंगी। इससे पहले उनकी वित्तीय सीमा मात्र ₹40 लाख थी, जो बाजार दरों और विकास कार्यों की बढ़ती मांग के हिसाब से कम पड़ रही थी। इस बढ़ी हुई सीमा से नगरीय निकायों को अपने क्षेत्र के विकास कार्यों को तेज़ी से और प्रभावी ढंग से संचालित करने में मदद मिलेगी।
गुणवत्ता में कमी पर कड़ी जवाबदेही
नगर विकास विभाग ने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और मापन त्रुटियों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए ठेकेदारों, अभियंताओं और प्रशासनिक अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की है। यदि किसी निर्माण या विकास कार्य में गड़बड़ी पाई जाती है या गुणवत्ता में कमी होती है, तो उस अतिरिक्त भुगतान की 50 प्रतिशत राशि ठेकेदार से वसूली जाएगी और बाकी 50 प्रतिशत अभियंता और प्रशासनिक अधिकारी से। यह वसूली प्रक्रिया जिलाधिकारी के नियंत्रण में संचालित होगी और यदि राशि वसूली न हो सके तो इसे भू-राजस्व की तरह वसूला जाएगा। इससे निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
नई तकनीक के उपयोग पर जोर
नगरीय विकास कार्यों की गति और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए नई तकनीकों को अपनाने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इससे विकास कार्यों की मॉनिटरिंग, निष्पादन और गुणवत्ता नियंत्रण में सुधार होगा। तकनीकी नवाचारों के कारण योजना कार्यों में तेजी और बेहतर परिणाम की उम्मीद है।
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