ग्राम पंचायतों की संख्या में आई कमी
प्रदेश के 36 जिलों में ग्राम पंचायतों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। तेजी से हो रहे शहरीकरण और नगर निकायों की सीमाओं के विस्तार के कारण कई गांव नगर क्षेत्रों में शामिल कर लिए गए हैं। इससे न केवल पंचायतों की संख्या घटी है, बल्कि मतदाता सूची और आरक्षण व्यवस्था पर भी सीधा असर पड़ा है।
जिलावार स्थिति: देवरिया में सबसे अधिक 64 ग्राम पंचायतें कम हुईं। आजमगढ़ में 47, प्रतापगढ़ में 45 पंचायतें हटीं। गोरखपुर व अमरोहा में 21-21, गाजियाबाद में 19, फतेहपुर में 18 पंचायतें घटीं। अलीगढ़ और फर्रुखाबाद में क्रमश: 16 और 14 पंचायतें नगर क्षेत्र में शामिल हो चुकी हैं।
बरेली और हाथरस में भी बदलाव
बरेली जिले में इस बार 1188 ग्राम पंचायतों में चुनाव होंगे, जबकि पांच पंचायतें अब नगर क्षेत्र में शामिल कर ली गई हैं। वहीं हाथरस जिले की सहपऊ देहात पंचायत भी नगर क्षेत्र का हिस्सा बन गई है, जिससे अब जिले में केवल 462 पंचायतों में ही प्रधान चुने जाएंगे।
बदलेगा आरक्षण और वार्ड परिसीमन
पंचायत चुनावों से पहले पंचायतों के वार्डों का परिसीमन किया जा रहा है। इसके बाद आरक्षण सूची जारी की जाएगी। वर्ष 2020 की आरक्षण स्थिति आगामी चुनावों में मान्य नहीं होगी। जनसंख्या के आंकड़ों में आई गिरावट—विशेषकर एससी और ओबीसी वर्ग की संख्या में कमी—का सीधा प्रभाव आरक्षण पर पड़ेगा। कई सीटों का आरक्षण बदल सकता है।
प्रदेशभर में 57,695 पंचायतों में होंगे चुनाव
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान प्रदेश की कुल 57,695 पंचायती इकाइयों में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी), ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए मतदान कराया जाएगा।
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