ऑनलाइन हाजिरी का उद्देश्य
इस नई व्यवस्था का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाना, विद्यार्थियों की उपस्थिति को सुनिश्चित करना, फर्जी नामांकन और घोस्ट स्टूडेंट्स (ऐसे छात्र जो नामांकित तो हैं, पर स्कूल नहीं आते) की समस्या को रोकना है। इसके साथ ही सरकार को छात्रों और शिक्षकों की वास्तविक उपस्थिति का सटीक डेटा मिलेगा, जिससे शैक्षिक योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा।
अब तक की स्थिति
अब तक ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था को बाध्यकारी नहीं बनाया गया था, जिसके कारण कई विद्यार्थी केवल नामांकन कराने के बाद स्कूल नहीं आते थे। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ भी वास्तविक जरूरतमंदों तक नहीं पहुँच पा रहा था।
क्या होगा नया?
1 जुलाई से सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कक्षा 9 से 12 तक के हर विद्यार्थी, शिक्षक और कर्मचारी की उपस्थिति एक निर्धारित डिजिटल प्लेटफॉर्म या मोबाइल एप के माध्यम से प्रतिदिन दर्ज की जाए। इसके लिए कार्यदायी संस्था का चयन कर लिया गया है, जो इस व्यवस्था को तकनीकी रूप से संचालित करेगी।
प्रधानाचार्य परिषद ने सराहा कदम
इस पहल का शिक्षकों और प्रधानाचार्य परिषद द्वारा भी स्वागत किया गया है। उनका मानना है कि इससे छात्रों में नियमित उपस्थिति की आदत विकसित होगी, निजी स्कूलों में मौजूद अनियमितताओं पर नियंत्रण होगा और पूरे सिस्टम में अनुशासन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
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