कैसे हुआ अतिक्रमण का खुलासा
प्रशासन को सूचना मिली थी कि फैजउल्लापुर क्षेत्र में राज्य सरकार की नजूल श्रेणी की 0.230 हेक्टेयर जमीन पर कुछ लोगों ने गुपचुप तरीके से बाउंड्रीवाल बनवा ली है और उसे सात गाटों में बांटकर प्लॉटिंग की योजना तैयार की जा रही है। इस जमीन का बाजार मूल्य लगभग दो करोड़ रुपये आंका गया है। सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और मौके पर सीमांकन और जांच कराई गई, जिसमें जमीन पर अवैध कब्जा साबित हुआ।
बुलडोजर चला, अवैध निर्माण ध्वस्त
जांच के बाद प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जेसीबी मशीनों की मदद से अवैध बाउंड्रीवाल को ढहा दिया। मौके पर पुलिस बल की मौजूदगी में यह कार्रवाई शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। यह स्पष्ट संदेश है कि राज्य सरकार अब किसी भी हालत में भू-माफियाओं को बख्शने के मूड में नहीं है।
सरकारी जमीन का होगा जनहित में उपयोग
प्रशासन ने सिर्फ अतिक्रमण हटाने तक खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि खाली कराई गई जमीन के बेहतर उपयोग की योजना भी तैयार की है। फैजउल्लापुर में यह जमीन ऑडिटोरियम के पास स्थित है, जहां पार्किंग की लंबे समय से समस्या बनी हुई थी। अब इस खाली कराई गई जमीन पर पार्किंग स्थल बनाया जाएगा, जिससे स्थानीय नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी और यातायात व्यवस्था भी बेहतर होगी।
अवैध कब्जे पर भविष्य में भी होगी सख्त कार्रवाई
एडीएम (भू-राजस्व) आयुष चौधरी ने स्पष्ट किया कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि शहर के अन्य हिस्सों में भी अतिक्रमण की शिकायतें मिली हैं, जिनकी जांच की जा रही है और जल्द ही उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
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