1. विटामिन C — एंटीऑक्सिडेंट पावरहाउस
विटामिन C एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स को खत्म कर सेल्स को नुकसान से बचाता है। यह स्पर्म की गुणवत्ता बढ़ाने में खास भूमिका निभाता है। कई रिसर्च में यह पाया गया है कि विटामिन C की नियमित खुराक से स्पर्म काउंट और मोटिलिटी (गति) दोनों में सुधार होता है।
कहां से लें: संतरा, नींबू, अमरूद, ब्रोकली, टमाटर और हरी मिर्च।
2. विटामिन E — सेल्स को रखे सुरक्षित
विटामिन E भी एक एंटीऑक्सिडेंट है जो स्पर्म कोशिकाओं की झिल्ली को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है। यह स्पर्म की संरचना और उसकी गतिशीलता सुधारने में मदद करता है। विटामिन E की कमी स्पर्म डैमेज और प्रजनन क्षमता में गिरावट का कारण बन सकती है।
कहां से लें: बादाम, सूरजमुखी के बीज, मूंगफली, पालक और एवोकाडो।
3. विटामिन D — हार्मोन बैलेंस में मददगार
विटामिन D सिर्फ हड्डियों के लिए नहीं, बल्कि टेस्टोस्टेरोन लेवल को बनाए रखने के लिए भी जरूरी है। टेस्टोस्टेरोन पुरुष हार्मोन है, जो स्पर्म प्रोडक्शन को नियंत्रित करता है। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि जिन पुरुषों में विटामिन D की मात्रा सही होती है, उनमें स्पर्म काउंट बेहतर रहता है।
कहां से लें: धूप, अंडे की जर्दी, मशरूम, मछली (जैसे सैल्मन, टूना) और फोर्टिफाइड दूध।
4. फोलिक एसिड (विटामिन B9) — डीएनए हेल्थ के लिए जरूरी
फोलिक एसिड, जो विटामिन B9 का ही एक रूप है, स्पर्म डीएनए की गुणवत्ता सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से स्पर्म में क्रोमोजोमल डिफेक्ट्स की संभावना बढ़ जाती है, जो बांझपन या गर्भपात का कारण बन सकते हैं।
कहां से लें: हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, ब्राउन राइस, ब्रोकली और केले।
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