यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS): क्या है खास?
UPS को केंद्र सरकार ने विशेष रूप से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए डिजाइन किया है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाना है। UPS में शामिल होने की अंतिम तारीख 30 सितंबर 2025 तय की गई है। अगर कोई कर्मचारी इस स्कीम को नहीं चुनता है, तो उसे अपने आप NPS में ही शामिल माना जाएगा।
UPS के मुख्य फायदे:
एश्योर्ड पेंशन: UPS में रिटायरमेंट के बाद आपको आखिरी 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का कम से कम 50% बतौर मासिक पेंशन मिलेगा (यदि 25 साल की सेवा पूरी की है)।
एकमुश्त रकम: रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी और अन्य लाभ भी सुनिश्चित हैं।
महंगाई से सुरक्षा (DR): UPS में डियरनेस रिलीफ का प्रावधान है। यानी महंगाई बढ़ने पर आपकी पेंशन भी उसी हिसाब से बढ़ेगी।
भविष्य की निश्चितता: UPS में मिलने वाला लाभ पहले से तय होता है, जो इसे एक "Defined Benefit Pension" स्कीम बनाता है।
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS): बाजार आधारित विकल्प
NPS को 2004 में लागू किया गया था और यह मार्केट लिंक्ड पेंशन योजना है। इसे Pension Fund Regulatory and Development Authority (PFRDA) रेगुलेट करती है। इस स्कीम में कर्मचारी और सरकार दोनों योगदान करते हैं, और यह राशि शेयर मार्केट (इक्विटी) और डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश की जाती है।
NPS के फायदे:
लचीलापन: निवेश को लेकर ज्यादा विकल्प – इक्विटी, डेट आदि।
टैक्स बेनिफिट्स: सेक्शन 80C और 80CCD(1B) के तहत टैक्स छूट।
अन्य लाभ: NPS पोर्टेबल है – नौकरी बदलने पर भी खाता चलता है।
NPS की सीमाएं:
पेंशन गारंटी नहीं: इसमें कोई फिक्स मासिक पेंशन तय नहीं है। निवेश के रिटर्न पर निर्भर करता है।
महंगाई से जुड़ा प्रोटेक्शन नहीं: DR जैसा कोई सुरक्षा कवच नहीं होता।
अनिश्चितता ज्यादा: रिटायरमेंट के समय मिलने वाली पेंशन की राशि पहले से तय नहीं की जा सकती।
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