यूपी में आउटसोर्सिंग कर्मियों को मिलेगी बड़ी राहत

न्यूज डेस्क। उत्तर प्रदेश में लंबे समय से वेतन विसंगति और अनिश्चितता का सामना कर रहे आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों के लिए अब राहत की उम्मीद जगी है। स्थानीय निकाय सफाई कर्मचारी संघ और उससे जुड़े संगठनों के अथक प्रयासों से जल्द ही इन कर्मचारियों को न्यूनतम 18,000 रुपये मासिक वेतन मिलने की संभावना है। यह कदम राज्य सरकार द्वारा आउटसोर्सिंग कर्मियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उठाया जा रहा है।

वेतन बढ़ाने की प्रक्रिया में तेजी

स्थानीय निकाय सफाई कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अजय राजभर के अनुसार, संगठन ने 11 अप्रैल को मुख्यमंत्री के विशेष सचिव को ज्ञापन सौंपकर वेतन बढ़ोतरी की मांग रखी थी। इस पर सरकार ने सकारात्मक रुख दिखाया और प्रतिनिधियों को 16 जून को लखनऊ वार्ता के लिए बुलाया गया। प्रारंभ में सरकार ने 16,000 रुपये मासिक वेतन का प्रस्ताव दिया, लेकिन संगठन की मांग पर यह राशि बढ़ाकर 18,000 रुपये तय करने पर सहमति बन गई।

जिलाध्यक्ष का कहना है कि एक जुलाई से नए वेतनमान के अनुसार भुगतान शुरू होने की संभावना है। अगर यह लागू होता है, तो यह राज्य के हजारों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी, जो लंबे समय से न्यूनतम वेतन की मांग कर रहे हैं।

बकाया वेतन की भी बड़ी समस्या

वेतन बढ़ोतरी के अलावा, कई आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को पुराने बकाये की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है। चंदौसी नगर पालिका के लगभग 125 सफाई कर्मचारी अब भी वर्ष 2022 के जून और जुलाई माह का वेतन पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

स्थानीय निकाय सफाई मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष रॉकी वाल्मीकि ने इस संबंध में ईओ को शिकायती पत्र सौंपा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि रक्षाबंधन से पहले बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया गया, तो संबंधित फर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

सरकार और ठेका एजेंसियों पर उठते सवाल

इस पूरी स्थिति ने आउटसोर्सिंग व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ठेका एजेंसियां समय पर वेतन देने में असफल रहती हैं और कई बार कर्मचारियों को महीनों तक बिना वेतन काम करना पड़ता है। वहीं, नगर पालिकाएं भी इस मुद्दे पर सुस्त रवैया अपनाती रही हैं।

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