क्या है रेबीज?
रेबीज एक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों, खासकर कुत्तों, की लार के संपर्क में आने से फैलती है। जब संक्रमित कुत्ता किसी व्यक्ति को काटता है, तो उसके वायरस त्वचा के ज़रिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और धीरे-धीरे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र तक पहुंचते हैं।
कितने दिनों में फैलता है रेबीज?
रेबीज का इन्क्यूबेशन पीरियड (वायरस शरीर में आने और लक्षण दिखने के बीच का समय) आमतौर पर 20 से 90 दिन का होता है। हालांकि, यह समय: काटे गए स्थान (सिर या गर्दन के पास है तो जल्दी), जख्म की गहराई, वायरस की मात्रा, व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में लक्षण 5 से 7 दिनों में भी दिख सकते हैं और बहुत दुर्लभ मामलों में 1 साल तक भी नहीं आते।
काटने के बाद क्या करना चाहिए?
कुत्ते के काटते ही पहला कदम प्राथमिक उपचार होना चाहिए: घाव को 15 मिनट तक साबुन और बहते पानी से धोएं। एंटीसेप्टिक लगाएं। बिना समय गंवाए नजदीकी अस्पताल जाएं। पोस्ट-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (PEP) यानी रेबीज वैक्सीन की पूरी डोज़ लें। अगर समय रहते वैक्सीन ले ली जाए, तो रेबीज से पूरी तरह बचा जा सकता है। लेकिन देरी जानलेवा साबित होती है।
रेबीज होने के लक्षण क्या होते हैं?
रेबीज के लक्षण दिखने के बाद इसे रोकना असंभव हो जाता है। शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं: बुखार, सिरदर्द, काटे गए स्थान पर जलन या झुनझुनी, मानसिक भ्रम, उत्तेजना, पानी से डर, मांसपेशियों में ऐंठन आदि। लक्षण शुरू होते ही व्यक्ति कुछ ही दिनों में कोमा में चला जाता है और मृत्यु हो जाती है। इसलिए इस बात का हमेशा ध्यान रखें।
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