वूकॉन्ग: अंतरिक्ष यात्रियों का डिजिटल सहायक
"वूकॉन्ग" एक देसी ओपन सोर्स AI मॉडल पर आधारित है, जो खासतौर पर अंतरिक्ष यात्रियों की सहायता के लिए विकसित किया गया है। इस AI सिस्टम का मकसद कठिन तकनीकी समस्याओं को तेजी से हल करना और मिशन के दौरान आवश्यक जानकारी तुरंत उपलब्ध कराना है। चीन की शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, यह AI न केवल अंतरिक्ष यात्रियों की कार्यक्षमता बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य के स्पेस मिशनों को भी आसान बनाने में मदद करेगा।
कैसे काम करता है वूकॉन्ग?
वूकॉन्ग दो हिस्सों में काम करता है एक हिस्सा तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर रहता है, जहां यह तुरंत मिशन से जुड़ी तकनीकी और वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करता है। दूसरा हिस्सा पृथ्वी पर स्थित है, जो गहरे विश्लेषण और डेटा प्रोसेसिंग का काम करता है। इस तरह, यह सिस्टम अंतरिक्ष और धरती के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करता है।
अंतरिक्ष यात्री वांग ने वूकॉन्ग का परीक्षण किया और इसकी प्रशंसा की, उन्होंने बताया कि वूकॉन्ग की जानकारी व्यापक और अत्यंत उपयोगी है। अंतरिक्ष के अनिश्चित माहौल में, जहां हर पल नई चुनौतियां आती हैं, वहां वूकॉन्ग की मदद से काम करना ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी होता है।
वूकॉन्ग का पहला मिशन
इस AI चैटबॉट का पहला व्यावहारिक परीक्षण लगभग साढ़े छह घंटे के एक स्पेसवॉक के दौरान हुआ। इस दौरान अंतरिक्ष यात्रियों ने तियांगोंग स्टेशन के बाहरी हिस्सों में मलबा-रोधी उपकरण लगाए और उनकी जाँच की। इस जटिल प्रक्रिया में वूकॉन्ग ने तत्काल सुझाव देकर कार्य को सुरक्षित और कुशलतापूर्वक पूरा करने में मदद की। यह परीक्षण चीन के लिए AI के अंतरिक्ष प्रयोग में एक ऐतिहासिक सफलता थी।
वूकॉन्ग और अन्य अंतरिक्ष AI की तुलना
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर नासा के AI सिस्टम्स जैसे "सिमॉन" और "एस्ट्रोबी" भी अंतरिक्ष यात्रियों को सहायता प्रदान करते हैं। लेकिन वूकॉन्ग का फोकस तियांगोंग मिशन के लिए विशेष रूप से अंतरिक्ष यान के संचालन और वैज्ञानिक डेटा के प्रबंधन पर है। जहाँ सिमॉन मनोवैज्ञानिक सहायता देता है और एस्ट्रोबी रोजमर्रा के कार्यों में मदद करता है, वहीं वूकॉन्ग तकनीकी और नेविगेशन संबंधी जटिल कामों में विशेषज्ञता रखता है।
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