आर्थिक सुरक्षा और राहत में वृद्धि
यह राशि स्टाफ वेलफेयर फंड से दी जाएगी और इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि 1 अप्रैल 2026 से इस राशि में हर साल 5% की बढ़ोतरी भी होगी। इसका उद्देश्य महंगाई और बढ़ती जीवन लागत के बीच परिवारों को स्थिर और पर्याप्त आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। यह निर्णय केंद्रीय बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने लिया है, जिसमें सरकार, नियोक्ता और कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
प्रक्रिया में सरलता, क्लेम तेज़
ईपीएफओ ने मृतक कर्मचारी के नाबालिग बच्चों के लिए क्लेम प्रक्रिया भी आसान बनाई है। अब नाबालिग बच्चों को पीएफ राशि प्राप्त करने के लिए गार्जियनशिप सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे प्रक्रिया काफी सरल और तेज हो जाएगी। यह बदलाव परिवारों के लिए सुविधा और राहत का बड़ा कदम है।
KYC प्रक्रिया में सुधार
जो कर्मचारी अभी तक अपने आधार नंबर को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) से लिंक नहीं कर पाए हैं, या अपने आधार में कोई सुधार करना चाहते हैं, उनके लिए भी ईपीएफओ ने प्रोसेस को सरल कर दिया है। अब नियोक्ता KYC सुविधा के माध्यम से सीधे आधार को UAN से जोड़ सकते हैं, बशर्ते नाम, जन्मतिथि और लिंग आधार से पूरी तरह मेल खाते हों। यह कदम कर्मचारियों को अपनी जानकारी अपडेट करने और लाभों का लाभ उठाने में मदद करेगा।
ऑटो-क्लेम सीमा में वृद्धि
ईपीएफओ ने अपने अन्य सुधारों के तहत ऑटो-क्लेम की सीमा भी 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है। इसका लाभ कर्मचारी मेडिकल, शिक्षा या आवास संबंधी जरूरी खर्चों के लिए जल्दी पैसा निकाल सकते हैं। इसके अलावा, सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम शुरू किया गया है, जिसके माध्यम से पेंशनर्स देश के किसी भी बैंक शाखा से अपनी पेंशन प्राप्त कर सकेंगे।
परिवारों के लिए बड़ा सहारा
डेथ रिलीफ फंड की राशि में यह बढ़ोतरी परिवारों के लिए एक बड़ा आर्थिक सहारा साबित होगी। खासकर तब जब परिवार का मुखिया या मुख्य कमाने वाला व्यक्ति अचानक चला जाए, तब यह राशि परिवार को वित्तीय संकट से उबरने में मदद करेगी। हर साल 5% की वृद्धि से यह सहायता समय के साथ कमजोर नहीं पड़ेगी और परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखेगी।
0 comments:
Post a Comment